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अंबेडकर और संघ परिवार- एम के वेणु

लोकसभा चुनाव के बीच संघ परिवार ने चतुराई से यह बहस छेड़ने की कोशिश की है कि दलितों के आदर्श और भारतीय संविधान के रचयिता डॉ. भीमराव अंबेडकर मुसलमानों पर भरोसा नहीं करते थे। अचानक ऐसे बयान आने लगे और टीवी चैनलों पर बहस होने लगी कि वह मुसलमानों के प्रति नकारात्मक सोच रखते थे। एक बेनाम ट्वीटर एकाउंट के जरिये, जो संभवतः भाजपा की ओर से तैयार किया गया है, इस लेखक...

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चुनाव के समय ही उनकी याद आती है- अनुराग दीक्षित

लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों को अचानक देश के मुसलमानों की याद आ गई है। हर दल खुद को मुसलमानों का सबसे बड़ा हितैषी साबित करने में जुटा है। कांग्रेस नए-पुराने 15 सूत्रीय कार्यक्रमों समेत अपनी तमाम योजनाएं गिना रही है। वैसे यूपीए शासनकाल में अल्पसंख्यक मंत्रालय का गठन और अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति जैसे अहम काम हुए भी हैं। हां, यह बात अलग है कि प्रधानमंत्री भी अल्पसंख्यक कल्याण...

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भूख मिटाने की चुनौती से जूझेगी नई सरकार- अरविन्द चतुर्वेदी

16 मई को नतीजे आने के साथ नई सरकार का अक्स भले ही सामने आ जाए, लेकिन उसके सामने की प्रमुख चुनौतियां अभी से स्पष्ट दिखाई दे रही हैं। आसन्न सूखे के पूर्वानुमान के साथ केले और गेहूं की फसलों पर संकट देश-दुनिया की खाद्य सुरक्षा के सामने बड़ा खतरा पैदा करने जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन के अनुसार पनामा डिजीज ट्रॉपिकल रेस 4 (टीआर...

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मोदी के गुजरात मॉडल का 'गड़बड़झाला'- ज्यां द्रेज

राजनीतिक गहमागहमी में देश जब मतदान-केंद्रों की तरफ बढ़ चला है तो ठोस तथ्यों और तर्कों से होने वाले जांच-परख की एक तरह से विदाई हो रही है. और इन पर हावी हो रहा है जन-संपर्क उद्योग का प्रचार-अभियान. पहला है नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व पर चढाया जा रहा रंग-रोगन ताकि वो लोगों की नजर में चढ़ जाए. अधिनायकवादी चरित्र और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रतिक्रियावादी मूल्यों में अंदर तक धंसे...

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कर्ज चुकाने में आगे होने के बावजूद भेदभाव का शिकार हैं महिला उद्यमी- नई रिपोर्ट

एक नई रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं के स्वामित्व वाले सूक्ष्म, छोटे और मंझोले दर्जे के मात्र 3.1 प्रतिशत उद्यमों की वित्तीय जरुरत औपचारिक स्रोतों से पूरा होती है जबकि 92.1 प्रतिशत ऐसे उद्यमों की वित्तीय जरुरत को पूरा करने के लिए महिला को घर-परिवार, नाते-रिश्तेदार या फिर अनौपचारिक स्रोतों के आसरे रहना होता है। शेष 4.8 प्रतिशत ऐसे उद्यमों की वित्तीय जरुरत अर्ध-औपचारिक स्रोतों से पूरा होती है।(देखें नीचे दी...

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