आखिरकार भारतीय मौसम विभाग की भविष्यवाणी सही निकली। उसने इस साल मानसून के कमजोर रहने का अंदेशा जताया था। तब वित्तमंत्री ने कहा था कि घबराने की बात नहीं है, हो सकता है मानसून संबंधी पूर्वानुमान गलत निकले। दरअसल, वित्तमंत्री को बाजार की चिंता सता रही थी और वे निवेशकों को आश्वस्त करना चाहते थे कि सब कुछ ठीकठाक रहेगा। पर अब मौसम संबंधी पूर्वानुमान पहले से कहीं अधिक वैज्ञानिक...
More »SEARCH RESULT
चिंताजनक है बढ़ती शिक्षित बेरोजगारी-- रामदत्त त्रिपाठी
उत्तर प्रदेश के नौजवानों ने पहली बार सत्ता के मुख्य केंद्र राज्य सचिवालय को झकझोर दिया है। पीएच. डी., पोस्ट ग्रेजुएट, इंजीनियरिंग और एमबीए डिग्री धारक समेत करीब तेईस लाख युवक-युवतियों ने चपरासी के चार सौ से कम पदों के लिए फॉर्म भरा है, जिसके लिए सरकारी तौर पर मात्र पांचवीं पास की योग्यता निर्धारित है। सरकार का माथा चकरा रहा है कि चयन की कौन-सी प्रक्रिया अपनाई जाए? इससे...
More »विकास और जाति का गणित- नीलांजन मुखोपाध्याय
एक बात पर आम सहमति है कि बिहार विधानसभा का चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए काफी अहम होगा। चूंकि विभिन्न कारणों से केंद्र सरकार को कई नाकामियों का सामना करना पड़ा है, इसलिए बिहार के चुनाव में जीत उन्हें उससे उबरने में मदद कर सकती है। इसके विपरीत, अगर बिहार में भाजपा का प्रदर्शन आशानुरूप नहीं रहता, तो नीतिगत पंगुता की स्थिति पैदा होगी और प्रधानमंत्री मोदी की छवि...
More »निरक्षर अब पंचायत के दरवाजे से बाहर-- सुभाष गताडे
भू टान, लीबिया, केन्या, नाईजीरिया और भारत इन देशों में क्या समानता है? वैसे, पहले उल्लेखित चारों देश- जहां जनतंत्र अभी ठीक से नहीं आ पाया है, कहीं राजशाही तो कहीं तानाशाही, तो कहीं जनतंत्र एवं अधिनायकवाद के बीच की यात्रा चलती रहती है- और दुनिया का सबसे बड़े लोकतंत्र कहलानेवाले भारत की किस आधार पर तुलना की जा सकती है? पिछले दिनों आये हरियाणा विधानसभा के एक फैसले...
More »अंगरेजी में कमजोर होने का खामियाजा- आकार पटेल
आप में से जो गुजरात में पटेलों के आंदोलन पर गौर करते रहे हों, उनसे मेरे दो सवाल हैं. पहला, यह आंदोलन बाकी भारत, खासकर देश के दूसरे शहरों में क्यों नहीं फैल पा रहा है, जहां 25 वर्ष पहले ऐसे ही विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं? दूसरा, यदि यह मुंबई, दिल्ली तथा बेंगलुरु में फैल जाये, तो आरक्षण का विरोध करनेवाले किस भाषा में बातें करेंगे? पटेलों की दो...
More »