नोटबंदी के चलते कृषि क्षेत्र पर तगड़ी मार पड़ी है और वह अब तक इससे उबर नहीं पाया है। कृषि संगठनों से जुड़े नेताओं का कहना है कि फल और सब्जी उपजाने वाले किसानों को तगड़ा नुकसान झेलना पड़ा है। मांग की जा रही है कि बजट में किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए योजना का ऐलान किया जाए। भारत कृषक समाज के चेयरमैन अजय वीर जाखड़ ने बताया,...
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विषमता की दुनिया-- धर्मेंन्द्रपाल सिंह
दावोस में विश्व आर्थिक मंच (वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम) की बैठक से ठीक पहले आर्थिक असमानता पर जारी आॅक्सफेम रिपोर्ट चौंकाती है। ‘एन इकॉनमी फॉर 99 परसेंट' नामक इस रिपोर्ट के अनुसार, आज बिल गेट्स, वारेन बफेट जैसे केवल आठ धन्नासेठों के पास विश्व की आधी गरीब आबादी यानी 3.6 अरब जनता के बराबर धन-दौलत है और एक प्रतिशत अमीरों के कब्जे में 99 फीसद संपत्ति है। यह हालत तब है...
More »सीएम के खेत में ही फेल हो गया खेती से लाभ का प्रयोग
विदिशा, अजय जैन। परंपरागत खेती छोड़ो और फल-फूल की खेती अपनाओ...ये वो मंत्र है जो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किसानों को बार बार पढ़ाते रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री का यह मंत्र उनके अपने ही खेत में असफल होे गया है। मुख्यमंत्री ने विदिशा शहर से सटे फार्म हाउस में पहले टमाटर उगाए, लेकिन बाजार के अच्छे दाम नहीं मिले और टमाटर मवेशियों को खिलाने पड़े। फिर उन्होंने नौ एकड़ में...
More »छत्तीसगढ़ में हो सकेगी मखाने की खेती, ले पाएंगे दो फसल
रायपुर, संदीप तिवारी। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ने पहली बार धमतरी के कृषि विज्ञान केन्द्र बोड़रा संबलपुर में मखाने (काला हीरा) की खेती का सफल परीक्षण किया है। इसी के साथ छत्तीसगढ़ मखाने की खेती करने वाला देश का सातवां राज्य बन गया है। यहां के कृषि वैज्ञानिक मखाने की स्वर्ण वैदेही किस्म दरभंगा से लेकर आए थे। खेती के लिए जलवायु अनुकूल होने से रबी और खरीफ दोनों सीजन में...
More »एग्री टेक : आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल से डिजिटल क्रांति की ओर खेती
विकसित देशों के मुकाबले भारत में कृषि क्षेत्र में बेहद कम तकनीकों का इस्तेमाल होता है. हालांकि, निवेश और नीतिगत इच्छाशक्ति की कमी भी इसके कारक हैं, लेकिन खेती के पिछड़ जाने का बड़ा कारण तकनीकों का अभाव माना जा रहा है. धीरे-धीरे ही सही, पर अनेक प्रयासों से इसमें बदलाव आ रहा है और भारतीय खेती डिजिटाइजेशन की राह पर बढ़ती दिख रही है. आज के आलेख में पढ़िये...
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