SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 922

उप्र में 18 लाख टन गेंहू के भंडारण क्षमता बढ़ेगी- विजय उपाध्याय

लखनऊ .  उप्र सरकार गेंहू के भंडारण के लिए क्षमता बढ़ाने में लगी है, करीब 18 लाख मीट्रिक टन क्षमता वाले गोदामों के निर्माण का कार्य निजी उद्यमियों के सहभागिता से सहयोग से जारी है। यह जानकारी बुधवार को खाद्य एवं रसद मंत्री रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया ने कहा कि खाद्यान्न खराब होने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के साथ नुकसान की वसूली भी करायी जाएगी। कांग्रेस...

More »

मगर वित्तमंत्री ने बढ़ाई 11 हजार करोड़ की सब्सिडी

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी-20 के मंच से दुनिया को बता रहे थे कि भारत सब्सिडी में कटौती का कड़ा फैसला लेकर आर्थिक स्थिति में सुधार करेगा। इसके उलट वित्तमंत्री और राष्ट्रपति पद के प्रबल दावेदार प्रणब मुखर्जी 11 हजार करोड़ से अधिक की अतिरिक्त खाद्य सब्सिडी वाले प्रस्ताव पर मुहर लगा रहे थे। यह फैसला प्रधानमंत्री के दावे के कुछ देर बाद ही खाद्य मामलों पर...

More »

लाभार्थियों को कम मिल रहा अनाज

फलका (कटिहार), निज संवाददाता : गरीबों के खाद्यान्न की हकमारी करना डीलरों की नियति बन चुकी है। प्रशासन के सख्त निर्देश के बावजूद फलका प्रखंड अंतर्गत रहटा पंचायत में डीलर द्वारा लाभार्थियों को चावल व गेहूं दो-दो किलो कम देने तथा निर्धारित से अधिक कीमत वसूलने का मामला प्रकाश में आया है। गत सोमवार को खाद्यान्न वितरण के दौरान जब ग्रामीणों द्वारा कम राशन देने का विरोध किया गया तो उल्टे...

More »

सीखिये रिक्शाचालक बलराम से- उमेश यादव

बलराम जब 17 साल का था तब उसे अपना घर-परिवार छोड़कर कोलकाता जाना पड़ा. पढ़ने-लिखने के उम्र में उसे परिवार चलाने के लिए काम में लगा दिया गया. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उसके परिवार की माली हालत अच्छी नहीं थी. साल भर खाने के लिए अन्न नहीं जुटता था. ऐसी बात नहीं थी कि उसके घर में खेतीबारी नहीं थी. पिताजी लघु कृषक थे. आधी से ज्यादा जमीन बंजर थी. जो...

More »

सीखिये रिक्शाचालक बलराम से- उमेश यादव

बलराम जब 17 साल का था तब उसे अपना घर-परिवार छोड़कर कोलकाता जाना पड़ा. पढ़ने-लिखने के उम्र में उसे परिवार चलाने के लिए काम में लगा दिया गया. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उसके परिवार की माली हालत अच्छी नहीं थी. साल भर खाने के लिए अन्न नहीं जुटता था. ऐसी बात नहीं थी कि उसके घर में खेतीबारी नहीं थी. पिताजी लघु कृषक थे. आधी से ज्यादा जमीन बंजर थी. जो...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close