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बढ़ रही मानसिक रोगियों की संख्या

भारत में मानसिक रोगियों की संख्या बढ़ रही है, जिसमें डिप्रेशन व डिमेंशिया समेत अनेक प्रकार की दिमागी बीमारियां शामिल हैं. ‘द लेंसेट' के मुताबिक, आगामी दशक में भारत में इस बीमारी की चपेट में आनेवालों की संख्या बढ़ सकती है. हालांकि, रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इसका समग्र इलाज कैसे मुमकिन हो सकता है. इसलिए इस समस्या से निजात पाने के लिए समग्र नजरिया अपनाना होगा़...

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बहुत दूर दिखती है मंजिल, सतत विकास सूचकांक में भारत 110वें स्थान पर

सतत विकास वैश्विक सामाजिक प्रगति रिपोर्ट में भारत के 98वें स्थान (133 देशों में) पर होने की निराशाजनक खबर के बाद अब चिंताजनक सूचना यह आयी है कि सतत विकास सूचकांक में हमारा देश 110वें (149 देशों में) पायदान पर खड़ा है. वर्ष 2030 तक गरीबी, भूख, अशिक्षा से मुक्ति के साथ बेहतर पर्यावरण का वैश्विक लक्ष्य पाने के हमारे प्रयासों पर यह एक गंभीर टिप्पणी है. इस रिपोर्ट की मुख्य...

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शिक्षा के अवसर और दिव्यांग जन -- क्या कहती है 2011 की जनगणना

आम आबादी की तुलना में दिव्यांग व्यक्तियों को शिक्षा के अवसर कम हासिल हैं. इस बात के संकेत 2011 की जनगणना के आंकड़ों से मिलते हैं.   इन आंकड़ों के मुताबिक भारत में समझ के साथ लिख और पढ़ पा सकने वाले दिव्यांग लोगों की तादाद केवल 54.7 फीसद है. (इससे सबंधित सारणी के लिए यहां क्लिक करें).   2011 की जनगणना के मुताबिक देश में दिव्यांग लोगों की तादाद 2.68 करोड़ है. इनमें 1.22...

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कुंजी-संस्कृति में बंद हो गई शिक्षा व्यवस्था-- अनुराग बेहर

मेरे स्कूल के दिनों में शायद ही कोई 'कुंजी' के साथ दिखना चाहता था। कुंजी किताबों का सार रूप होती थी, जो यह कहकर बेची जाती थी कि उसे पढ़ना परीक्षा में पास होने की गारंटी है। उसमें आमतौर पर ऐसे सवाल होते थे, जिनके परीक्षा में आने की संभावना होती थी। पिछले 30 वर्षों में यह कुंजी खत्म नहीं हुई है, अलबत्ता उनकी संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है।...

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फोर्ड कंपनी ने ऐसे बदली दुनिया, श्रमिकों की भी, हमारी भी

मल्‍टीमीडिया डेस्‍क। फोर्ड मोटर कंपनी, 1903 में 12 निवेशकों की मदद से 28,000 डॉलर का निवेश करके एक परिवर्तित कारखाना के रूप में लॉन्च हुई थी। फोर्ड पहली कंपनी थी, जिसने ऑटोमोबाइल का निर्माण व विकास किया था। यह कंपनी मध्यम वर्ग के लोगों के लिए वाहन बनाती थी। 21वीं सदी की शुरूआत में वित्तीय संकट के दौरान यह कंपनी दिवालिया होने की कगार तक पहुंच गई थी, परंतु उसके बाद...

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