मुजफ्फरपुर, जागरण टीम। सरकार की अति महत्वाकांक्षी मध्याह्न भोजन योजना का हाल यह है कि चावल के अभाव में उत्तर बिहार के जिलों के आधा से ज्यादा स्कूलों में मध्याह्न भोजन बन ही नहीं रहा है, बच्चे भूखे घर लौट रहे हैं। पड़ताल से पता चलता है कि व्यवस्था स्कूलों तक चावल पहुंचाने में ही विफल हो चुकी है, खिचड़ी बने तो कैसे? कहीं निविदाएं नहीं निकाली जा सकीं तो कहीं...
More »SEARCH RESULT
अब शिक्षक नहीं कर सकेंगे मक्कारी
कानपुर। शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए शिक्षा विभाग नित नए-नए नियम विद्यालयों में लागू कर रहा है। विभाग ने फरमान जारी किया है कि नए सत्र में एडेड विद्यालयों में छात्रों के साथ ही शिक्षकों को भी दो बार हाजरी दर्ज करानी होगी। इस नियम के चलते छात्रों की तरह शिक्षक भी कक्षांए छोड़कर छुट्टी से पहले बाहर नहीं जा सकेंगे। उन्हें प्रधानाचार्य के समक्ष अंतिम पीरियड की...
More »अब बोरे में कूड़े की जगह किताबें
बिक्रमगंज [रोहतास, चंद्रमोहन चौधरी]। बच्चों ने कूड़ा चुनना छोड़ दिया है। उनके बोरे में अब किताब-कापियों ने जगह बना ली है। शाम चार बजते ही सभी बच्चे जूली की राह ताकने लगते हैं। हम बात कर रहे हैं रोहतास जिले के बिक्रमगंज के महादलित टोले की। जहां स्नातक की छात्रा जूली इस टोले में शिक्षा की ज्योति जलाने में तन्मयता से जुटी है। उसके प्रयास का आसपास के टोलों में...
More »सरकारी योजनाओं में जवाबदेही की कमी
नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने सोमवार को कहा कि प्राइवेट एजेंसियों के जरिए लागू होने वाली सरकार की प्रमुख योजनाओं में जवाबदेही के स्तर पर गंभीर कमियां है और यह नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक [कैग] द्वारा प्रस्तावित नए आडिट विधेयक के लिए बड़ी चुनौती है। विधायिका और आडिट को लेकर हुए एक राष्ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन करते हुए मीरा कुमार ने कहा कि पारदर्शिता और जवाबदेही अच्छे शासन के...
More »खाप हत्याओं का जवाब बाल विवाह!
इज्जत के नाम पर युवाओं की हत्या की कीमत लड़कियों से वसूलने का सिलसिला शुरू हो गया है। हाल ही में कुछ अखबारों में प्रकाशित खबरों से पता चला है कि हरियाणा और पड़ोसी राज्यों में कच्ची उम्र में लड़कियों की शादी का सिलसिला चल पड़ा है। सगोत्र विवाह पर अंकुश लगाने के लिए लड़कियों की शादी जल्दी करने पर जोर दिया जा रहा है। खाप पंचायतों और आदिम समाज...
More »