सेंट लुईस, [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। आधुनिक तकनीकी के बल पर दुनिया के ज्यादातर देशों ने नई हरित क्रांति का बिगुल फूंक दिया है। कृषि वैज्ञानिकों की मौन लड़ाई खेती पर आने वाली आपदाओं को जीत रही है। नतीजतन, बिना सिंचाई के ही कीटमुक्त पौधों के जरिये फसलों की उत्पादकता को कई गुना तक बढ़ाना संभव हो गया है। भारत जैसे देश की खेती के लिए बायो टेक्नोलॉजी बेहद मुफीद...
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दिल्ली हाईकोर्ट तक पहुंचा प्याज की भारी तेजी का मसला
सरकार के तर्क पैदावार कम होने से मूल्य में हुई बढ़ोतरी हर साल इन दिनों सुलभता घटने से आती है तेजी महाराष्ट्र से सप्लाई सुधारने के लिए प्रयास तेजी आने के बाद दाम घटे हैं प्याज के प्याज के मूल्य में बेतहाशा बढ़ोतरी के मसले पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र व दिल्ली सरकार को निर्देश दिए हैं कि इसके मूल्य में कमी लाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाए, जिससे आम उपभोक्ताओं को हो रही...
More »खाद्य सुरक्षा से दूर होगी कुपोषण की समस्या
डॉ राजवीर शर्मा आइएआरआइ पूसा इंस्टीटयूट में बतौर प्रिंसिपल साइंटिस्ट(एग्रोनॉमी-ब्रीड कंट्रोल) कार्यरत हैं. पेश है खाद्य सुरक्षा और किसानों की समस्या पर पंचायतनामा के लिए संतोष कुमार सिंह से विशेष बातचीत : सरकार का दावा है कि खाद्य सुरक्षा कानून गरीबों के लिए है, इस लिहाज से मात्र 67 फीसदी लोगों को इसके दायरे में रखा गया है? इसका क्या मतलब हुआ क्या यह माना जाये कि देश में 67 फीसदी गरीब...
More »नए सीजन में 372 लाख गांठ कपास उत्पादन संभव
अक्टूबर से शुरू होने वाले नए सीजन में कपास का उत्पादन 4.5 फीसदी बढ़कर 372 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) होने का अनुमान है। कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) के अनुसार वर्ष 2012-13 में 355.75 लाख गांठ कपास का उत्पादन हुआ है। सीएआई के अध्यक्ष डी. एन. सेठ के अनुसार नए सीजन वर्ष 2013-14 (अक्टूबर से सितंबर) के दौरान 372 लाख गांठ कपास उत्पादन होने का अनुमान है। चालू खरीफ सीजन में कपास...
More »गरीबों की सेहत का रखवाला बाजरा
एक जमाने से बाजरा गरीबों की सेहत का रखवाला माना जाता रहा है और अब जर्नल ऑव न्यूट्रीशन में प्रकाशित एक अध्ययन से इस बात की पुष्टी हुई है कि बाजरे की कई नई किस्मों में आयरन की मात्रा कई गुना बढ़ायी जा सकती है। मान्यता रही है कि बाजरे में अन्य अनाजों की तुलना में आयरन की मात्रा 10 फीसद ज्यादा होती है और आयरन की कमी से ग्रस्त...
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