जलवायु परिवर्तन अब एक आम चर्चा का विषय बन गया है। इस मसले पर बने संयुक्त राष्ट्र के अन्तर-सरकारी पैनल पांचवीं मूल्यांकन रिपोर्ट में पूरे विस्तार से यह बताया गया है कि किस तरह यह मानवीय क्रियाकलापों का ही नतीजा है। भारत में भी पिछले 100 वर्षों में पृथ्वी की सतह का तापमान लगभग 0.80 डिग्री सेल्सियस बढ़ा है। किसी क्षेत्र में यह तापमान ज्यादा बढ़ा है, तो किसी में...
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विकास के पैमाने और हकीकत-- राहुल लाल
हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट रेंटिंग एजेंसी ‘मूडीज' ने एक तरह से भारतीय अर्थव्यवस्था के पक्ष में अपनी राय दी। इसे कसौटी माना जाए तो अब शायद रेटिंग एजेंसियों को नोटबंदी और जीएसटी पसंद आ रहे हैं। इन दोनों कदमों और बैंकों में फंसे कर्ज का बोझ कम करने की सरकारी कवायद के कारण मूडीज ने भारत की रेटिंग बढ़ाई। उसने भारत की रेटिंग में तेरह वर्षों के बाद सुधार...
More »स्वच्छ हवा के लिए समग्र सोच-- विवेक चटोपाध्याय
दो दशक से भी पहले से वायु प्रदूषण नियंत्रण के प्रयास किए जा रहे हैं। इस दौरान विभिन्न तरह के फैसले लिए गए, जिनमें जीवाश्म ईंधन के विभिन्न स्रोतों, जैसे उद्योगों, ऊर्जा संयंत्रों और वाहनों आदि से निपटने के प्रयास शामिल हैं। इस तरह के उपायों ने 2006-2007 में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को थामने में मदद की। हालांकि उसके बाद वाहनों की संख्या में वृद्धि, सार्वजनिक परिवहन में कमी,...
More »सितंबर के दौरान कार्ड से लेनदेन में आया 84 फीसद उछाल - वर्ल्डलाइन
मुंबई। देश में इस साल सितंबर के दौरान डेबिट और क्रेडिट कार्डों के जरिये लेनदेन या भुगतान 84 फीसद उछलकर 74,090 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। सितंबर, 2016 में यह आंकड़ा 40,130 करोड़ रुपये था। यूरोपीय भुगतान समाधान प्रदाता वर्ल्डलाइन के अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है। इस अध्ययन में कहा गया है कि सरकार की ओर से गैर नकदी लेनदेन को प्रोत्साहित करने की वजह से काडोर् के माध्यम...
More »किशोर दुनिया के तकाजे-- कुलीना कुमारी
कहा जाता है कि व्यक्ति का भविष्य बचपन और उस दौरान आत्मसात किए गए मूल्यों पर आधारित होता है। 2011 की जनगणना के अनुसार, देश में करीब 41 फीसद आबादी 20 साल से कम उम्र की है। रूसो ने बच्चों को तीन अवस्थाओं में वर्गीकृत किया था- पांच वर्ष की आयु तक चलने वाली शैशवावस्था, पांच से बारह वर्ष तक बाल्यावस्था और बारह से बीस वर्ष तक किशोरावस्था। हालांकि वयस्क...
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