भूमि अधिग्रहण और विकास के शोर में हमारी जर्जर कृषि अर्थव्यवस्था भयानक संकट का सामना कर रही है, मगर वित्तमंत्री बजट में खेती-बाड़ी पर शोध के लिए 200 करोड़ की मामूली रकम का इंतजाम करके दूसरी हरित क्रांति का सपना देख रहे हैं. वित्त वर्ष 2012-13 का बजट कई वजहों से अहम माना जा रहा है. एक तरफ़ यूपीए सरकार चुनावी हार का सामना करने के बाद सियासी मोर्चे पर घिरी हुई...
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बजट स्पेशल- हेल्थ सेक्टर ने ली राहत की सांस
नई दिल्ली. इस बार के बजट से हेल्थ सेक्टर ने राहत की सांस ली है। आम लोगों को साल भर में स्वास्थ्य चेकअप के लिए खर्च होने वाली पांच हजार रुपये की सीमा तक कर में छूट दी गई है। राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन की स्थापना की जाएगी। कुपोषण की पहचान करने के लिए पांच लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। चेन्नई के पास एकीकृत टीका यूनिट की स्थापना करने का...
More »गरीबों के पैसों से आंदोलन!- तवलीन सिंह
प्रधानमंत्री ने अपने खास उदारवादी अंदाज में गैरसरकारी संस्थाओं (एनजीओ) को फटकार क्या लगाई कि हाय-दुहाई मच गई। वही संस्थाएं जो बेझिझक आरोप लगाती हैं राजनीतिकों पर, पत्रकारों पर, उद्योगपतियों पर और न जाने किस किस पर। जब उनकी बारी आई, तो हल्ला मचाना शुरू कर दिया। क्या सिर्फ एनजीओ ही हैं इस विशाल देश में, जो दूध के धुले हैं? क्या उनसे इतना भी नहीं पूछा जा सकता कि...
More »प्रतिरोध की राजनीति- सुनील खिलनानी
अन्ना हजारे के आंदोलन के साथ ही हाल के दिनों में उभरे खनन विवाद, जमीन विवाद, परमाणु संयंत्र के खिलाफ माहौल या खाप पंचायत या गुर्जरों का क्षोभ जैसे दूसरे आंदोलन केवल सत्ता में स्थित खास पार्टी के खिलाफ चुनौती भर नहीं हैं, बल्कि वे हमारी सरकारों की शासन की क्षमता पर सवाल उठाने से भी ज्यादा गहरे हैं। वस्तुतः वे हमारे राजनीतिक क्षेत्र की भावना को समय-समय पर अस्थिर...
More »दलित बस्ती में पसरा सन्नाटा- मोहनलाल शर्मा की रिपोर्ट(बीबीसी)
सीतापुर। क्या उत्तर प्रदेश में जिसका डर था वही हो राह है। कहा जा रहा था कि सपा शासन आने से राज्य में गुंडाराज आएगा। पिछले दो दिनों में जिस तरह की घटनाएं हुईं हैं उनसे तो ऐसा ही लग रहा है कि राज्य में गुंडाराज शुरु हो गया है। आगरा के नजदीक बाह में एक बसपा सरपंच के पति की हत्या हो गई। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि सरपंच...
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