कोरबा। पुनर्वास ग्राम वैशालीनगर में संचालित प्राथमिक शाला में अध्ययरत महज तीन बच्चों के लिए दो शिक्षाकर्मी पदस्थ हैं। इसमें भी कभी एक बच्चा ही पढ़ने आता है, तो कभी एक भी नहीं। ऐसे में दोनों शिक्षाकर्मी यहां हाथ पर हाथ धरे बैठे रहते हैं। दूसरी ओर जिले में 236 स्कूल ऐसे हैं, जहां पांच कक्षाओं के लिए केवल एक शिक्षक ही पदस्थ हैं। यह माजरा कुसमुंडा के ग्राम वैशालीनगर का...
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बिहार : मिड-डे मील से 100 बच्चे बीमार
बक्सर/सिमरी : सिमरी प्रखंड के दादा-बाबा के डेरा स्थित मध्य विद्यालय में शनिवार की दोपहर मिड-डे-मील खाने से लगभग 100 छात्रों की हालत बिगड़ गयी. एक बच्चे की थाली में मरी छिपकली भी मिली. इससे विद्यालय परिसर में अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया. कुछ बच्चे अपना पेट पकड़ कर बैठ गये, तो कुछ लगातार उल्टियां करने लगे. सूचना मिलते ही बच्चों के अभिभावक विद्यालय पहुंचे. कुछ ही देर में...
More »सरकार का खर्च दोगुना, विभाग आधा भी खर्च नहीं कर पाए
रायपुर (ब्यूरो)। प्रदेश में पिछले पांच सालों में सरकार का खर्च दोगुना हो गया है, लेकिन इस दौरान अलग-अलग विभागों को आवंटित राशि का 50 फीसद भी खर्च कई विभाग नहीं कर पाए। महालेखाकार बीके मोहंती ने शुक्रवार को पत्रवार्ता में बताया कि पांच साल पहले सरकार का खर्च 17 हजार 28 करा़ेड रुपए था जो 2013 में बढ़कर 31 हजार 780 करोड़ हो गया। बजट दोगुना होने के बावजूद कई...
More »खस्ताहाल स्कूली शिक्षा से संकट में छात्रों का भविष्य
इंदौर के पास स्थित देपालपुर में स्कूली शिक्षा के नाम पर सरकारी खानापूर्ति सामने आई है। इस विकासखंड में ऐसे कई स्कूल हैं, जो एक ही शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। यह खबर एक तरह से पूरे देश की निराशाजनक तस्वीर पेश करती है। 12 लाख शिक्षकों की कमी है देशभर में 50 प्रतिशत स्कूलों साफ पीने की सुविधा नहीं ...
More »एक खबर जिसकी हत्या हुई - चंदन श्रीवास्तव
बात आत्महत्या से संबंधित खबरों की हो, तो अपने देश के अखबार आत्महत्या का सामाजिक आधार खोजते हुए शादी-ब्याह तक पहुंचते हैं और यह बताते हैं कि भारत में आत्महत्या कुंवारों से ज्यादा शादीशुदा लोग कर रहे हैं. वर्षो से यही चलन जारी है. इस साल भी एक अखबार ने सुर्खी लगायी है कि ‘शादीशुदा लोगों में आत्महत्या करने की प्रवृत्ति ज्यादा!' और पाठकों को ज्ञान दिया है कि ‘देश...
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