द वायर, 15 सितम्बर कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान यदि रोकथाम रणनीतियों को समय पर लागू किया जाता तो अनेक लोगों की जान बचाई जा सकती थी. स्वास्थ्य मामलों से संबंधित एक संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही. इसके साथ ही समिति ने हालात की गंभीरता का अंदाजा नहीं लगा पाने के लिए सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि पहली लहर के बाद जब देश में...
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लंपी त्वचा रोग का कहर देश के कई राज्यों पर, क्या है वजह एक्सपर्ट बता रहे हैं इलाज?
क्विंट हिन्दी, 15 सितम्बर भारत के आठ राज्यों में लंपी त्वचा रोग तेजी से मवेशियों में फैल रहा है. इसकी वजह से जुलाई से अब तक हजारों मवेशियों की मौत हो चुकी है. लंपी वायरस का प्रकोप देश के कई राज्यों जिनमें शामिल हैं, राजस्थान, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गोवा और आंध्र प्रदेश तक फैल चुका है. इन राज्यों में अब...
More »फूड बिजनेस को लेकर गौतम अडानी और मुकेश अंबानी आमने-सामने
जनसत्ता, 15 सितम्बर अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी विलमर लिमिटेड अपने फूड बिजनेस को तेजी से बढ़ाने के लिए एक बड़ा दांव खेलने जा रही है। कंपनी स्थानीय और ओवरसीज एक्विशन के लिए कंपनियों की तलाश कर रही है। दरअसल, मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कुछ हफ्ते पहले ही अपने कंज्युमर गुड्स बिजनेस को लॉन्च करने की घोषणा की थी। रिलायंस इंडस्ट्रीज के इस ऐलान के बाद एशिया के सबसे अमीर...
More »मनरेगा का पैसा चाहिए तो दीजिए पांच सवालों के जवाब- मंत्री गिरिराज सिंह ने राज्यों को दिलाया याद
जनसत्ता, 14 सितम्बर केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को पत्र लिखकर याद दिलाया है कि उन्हें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 (मनरेगा) के तहत धन प्राप्त करने के लिए मंत्रालय द्वारा निर्धारित संकेतकों के अनुपालन को दर्शाने वाली कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। जिन पांच संकेतकों का राज्यों का पालन करने के लिए कहा गया है। उनमें सोशल ऑडिट, लोकपाल, नेशनल मोबाइल...
More »भारत ने टूटे चावल के निर्यात पर क्यों किया बैन, क्या अन्य किस्मों पर भी लग सकता है प्रतिबंध
दिप्रिंट, 13 सितम्बर 8 सितंबर को दुनिया के सबसे बड़े चावल निर्यातक देश भारत ने खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी को नियंत्रित करने के लिए निर्यात प्रतिबंधों की घोषणा की. इस कदम का अनुमान पहले से लगाया जा रहा था क्योंकि कम बारिश के कारण कम और देरी से बुवाई से उत्पादन प्रभावित होने की आशंका बनी हुई है. इस साल तेज गर्मी गेहूं की उपज में कमी का कारण बनी, जिस वजह...
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