दुनिया की आबादी सात अरब को पार कर चुकी है। इसमें हर साल आठ से नौ करोड़ की वृद्धि चिंतनीय है। संयुक्त राष्ट्र की मानें, तो भविष्य में भारत को मिलाकर कुछ बड़े अफ्रीकी और दक्षिण एशियाई देश वैश्विक आबादी तेजी से बढ़ाएंगे। भारत सबसे बड़ी आबादी वाला दुनिया का दूसरा देश है। आने वाले 10-12 वर्षों में भारत चीन से आगे निकल जाएगा। आशंका है, 2060 में भारत की...
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भारतीय अर्थव्यवस्था में 8 से 10 फीसद वृद्धि हासिल करने की क्षमता : अरविंद पनगढिया
सिंगापुर : नीति आयोग के उपाध्यक्ष प्रोफेसर अरविंद पनगढिया ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में दीर्घावधि में 8 से 10 फीसदी की वृद्धि दर हासिल करने की क्षमता है. उन्होंने आज कहा, 'दीर्घावधि में वृद्धि दर अगले 15 साल तक 8 से 10 प्रतिशत पर टिकेगी. भारत के पास इसकी अच्छी संभावनाएं व सरकार की वृद्धि आधारित नीतियों का पूरा समर्थन है.' नरेंद्र मोदी सरकार की व्यापक आर्थिक नीतियों व...
More »दुनिया में घट रही है गरीबी- सोमिनी सेनगुप्ता
भयावह गरीबी में दुनिया भर में तेज गिरावट तो आई ही है, अब लड़कों के साथ-साथ बहुत-सी लड़कियां भी विश्व के तमाम प्राथमिक स्कूलों में पढ़ रही हैं। वहीं मच्छरदानी लगाने जैसे साधारण-से उपायों से करीब साठ लाख लोगों को मलेरिया से होनेवाली मौत से बचाया गया है। लेकिन करीब एक अरब लोग अब भी खुले में शौच करते हैं, जो कई अन्य लोगों के स्वास्थ्य को भी खतरे में...
More »JK के किसानों का आधा कर्ज माफ करने की अधिसूचना जल्द
राज्य सरकार के बजट में की गई घोषणा के मुताबिक एक लाख रुपये तक के ऋण पर किसानों को 50 फीसदी छूट देने की अधिसूचना जल्द ही जारी कर दी जाएगी। अमर उजाला से बातचीत में डॉ. द्राबू ने कहा कि रियासत को विनाशकारी बाढ़ के दंश से उबारने में केंद्र सरकार भरपूर सहयोग कर रही है। बाढ़ पुनर्वास तथा प्रबंधन प्रोजेक्ट की इसी महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घोषणा कर सकते...
More »जनगणना जारी : 4 लाख परिवार कचरा बीनकर और 6.68 लाख परिवार भीख मांगकर करते हैं गुजारा
नयी दिल्ली : 4.08 लाख परिवार कचरा बीनकर और 6.68 लाख परिवार भीख मांगकर अपना घर चला रहे हैं. इस बात का पता चला कि सरकार की ओर से बाज जारी जनगणना रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है. देश के सिर्फ 4.6 प्रतिशत ग्रामीण परिवार आयकर देते हैं जबकि वेतनभोगी ग्रामीण परिवारों की संख्या 10 प्रतिशत है. यह बात आज पिछले आठ दशक में पहली बार जारी सामाजिक आर्थिक...
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