रांची के रजिस्ट्री कार्यालय में वर्षो से जमे भ्रष्टाचार सरकार के अथक प्रयास के बाद भी कम नहीं हो रहे. सरकारें आयीं-गयीं, पर रजिस्ट्री कार्यालय में व्याप्त वसूली का धंधा नहीं रुक रहा. सरकारी स्तर पर कई कदम भी उठाये गये, पर बिना चढ़ावे के रजिस्ट्री कार्यालय में शादी का निबंधन तक नहीं होता. यहां हर काम के लिए रेट तय है. कार्यालय में दलाल भी हावी हैं. रांची :...
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बीरभूम को नंदीग्राम नहीं बनने दिया जायेगा :ममता
पानागढ़: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि बीरभूम जिले में हिंसा बरदाश्त नहीं की जायेगी. जिले को नंदीग्राम और सिंगुर नहीं बनने दिया जायेगा. जिले के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ विकास योजनाओं की समीक्षा करने के बाद उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बाहर से हथियारबंद अपराधियों को लाकर गांवों में गुंडागर्दी और अराजकता फैलाने की कोशिश बरदाश्त नहीं की जायेगी. इसके पहले उन्होंने बोलपुर...
More »मनरेगा में पैसा खर्च करना सचमुच फिजूल की बात है?- ज्यां द्रेज
कॉरपोरेट प्रायोजित मीडिया की ओर से बनाई गई धारणा के उलट महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) से अहम नतीजे मिले हैं। अगर मीडिया की कुछ रिपोर्टों पर ग़ौर करें तो लगेगा कि मनरेगा के तहत शुरू हुए सार्वजनिक काम पूरी तरह बेकार हैं। हाल में एक संपादकीय में कहा गया, "देश के ज्यादातर हिस्सों में इसका (मनरेगा) मतलब बेमकसद गड्ढे खोदना और उन्हें भरना है।" इस बयान के...
More »भारत के गांवों में हर तीसरा परिवार भूमिहीन, आजीविका के लिए मजदूरी पर निर्भर
नयी दिल्ली : सामाजिक आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना-2011 में ग्रामीण भारत की विकट तस्वीर दिखती है और रपट से संकेत मिलता है कि गांवों में हर तीसरा परिवार भूमिहीन है और आजीविका के लिए शारीरिक श्रम पर निर्भर है. आज जारी यह रपट पहली डिजिटल जनगणना है. इसके लिए दस्ती इलेक्ट्रानिक उपकरणों का इस्तेमाल किया गया. इसमें कहा गया है 23.52 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों में 25 से अधिक उम्र का...
More »जनगणना जारी : 4 लाख परिवार कचरा बीनकर और 6.68 लाख परिवार भीख मांगकर करते हैं गुजारा
नयी दिल्ली : 4.08 लाख परिवार कचरा बीनकर और 6.68 लाख परिवार भीख मांगकर अपना घर चला रहे हैं. इस बात का पता चला कि सरकार की ओर से बाज जारी जनगणना रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है. देश के सिर्फ 4.6 प्रतिशत ग्रामीण परिवार आयकर देते हैं जबकि वेतनभोगी ग्रामीण परिवारों की संख्या 10 प्रतिशत है. यह बात आज पिछले आठ दशक में पहली बार जारी सामाजिक आर्थिक...
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