चंडीगढ़। शिक्षा का अधिकार कानून लागू क्या हुआ, पंजाब के 7500 स्कूलों पर संकट के बादल मंडराने लग गए। ये सभी स्कूल गैर मान्यता प्राप्त हैं। वैसे प्राइवेट स्कूलों में 25 फीसदी सीटें पिछड़े वर्गो के विद्यार्थियों के लिए आरक्षित रखने और इसके लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने, अध्यापक भर्ती करने आदि के लिए उनके पास तीन साल का वक्त है। जिन स्कूलों ने मान्यता नहीं ली है, उन्हें या तो...
More »SEARCH RESULT
जमीन में दबा मिला मिड डे मील, बवाल
सिवानी मंडी. गांव लीलस के राजकीय उच्च विद्यालय में बच्चों के लिए परोसे जाने वाला मिड डे मील जमीन में गड़ा हुआ मिला। मामला उजागर होने पर ग्रामीणों ने बुधवार को स्कूल में जमकर हंगामा किया और आरोपी स्कूल इंचार्ज अजीत सिंह के खिलाफ नारेबाजी की। ग्रामीणों का आरोप था कि इंचार्ज ने राशन में भारी गड़बड़झाला किया है। सूचना के बाद डीएसपी, तहसीलदार और खंड शिक्षा अधिकारी स्कूल में पहुंचे...
More »कुपोषण की चपेट में सहरिया जनजाति के नौनिहाल-एएचआरसी
परंत, राजवीर, रामकुमारी,सन्नी- ये नाम घनघोर कुपोषण में दम तोड़ने वाले बच्चों के हैं। 3 साल या फिर इससे भी कम उम्र के सभी बच्चे मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले गांवों में आबाद सहरिया जनजाति के हैं। आशिक, कुलदीप,पवन और मालती जैसे कुछ बच्चे और हैं, ये भी सहरिया जनजाति के ही हैं और कुपोषण की चपेट में इनका भी दम किसी क्षण टूट सकता है।(देखें लिंक संख्या-1) मानवाधिकारों के मोर्चे पर...
More »गरीबी से तंग आकर बच्चों समेत आग लगाई
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में गरीबी से तंग आकर एक मजदूर युवक ने तीन बच्चों के साथ आत्मदाह कर लिया, जिससे दो बच्चों की मौत हो गई जबकि युवक और एक बच्ची अस्पताल में भर्ती है। रायपुर जिले के पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को यहां बताया कि शहर के खमतराई थाना क्षेत्र के अंतर्गत रावाभाठा मोहल्ले में 30 वर्षीय गजानंद निर्मलकर ने स्वयं पर और तीन बच्चों श्वेता...
More »जैविक का व्यापार, एनजीओ और सरकार --- योगेश दीवान
कितना आश्चर्यजनक है कि अचानक मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री पानी बाबा की तर्ज पर ''जैविक बाबा'' हो जाते हैं और मुख्यमंत्री जैविक प्रदेश घोषित करने के लिये धन्यवाद के पात्र. ये वही मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री हैं, जो कुछ दिन पहले तक और अभी भी प्रदेश की खेतिहर जमीन को बड़ी ही सामंती उदारता से बड़ी-बड़ी कंपनियों को बांटते हुए फोटो खिंचा रहे थे. इसे परंपरागत जैविक के एकदम खिलाफ...
More »