नई दिल्ली। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारती की रेटिंग को सूखे की आशंका से जोड़ दिया है। उसका कहना है कि भारत इस साल सूखे की चपेट से बच सकता है। लेकिन, भविष्य में सूखा पड़ने या बारिश में कमी की आशंका से देश के सॉवरेन क्रेडिट पर दबाव बन सकता है। मूडीज का मानना है कि भारत में मानसून की चिंता एक हद तक कम हो गई है, लेकिन...
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सामाजिक बराबरी का जरिया बने शिक्षा- अनिल प्रकाश जोशी
आज के सामाजिक सरोकार कितने भी दावे कर ले, पर यह पूरी तरह सच है कि आने वाले समय में हम भटके हुए समाज कहलाएंगे। स्वतंत्रता के 67 साल बाद भी हमने बहुत से मुद्धों को सिरे से नकार रखा है। उनमें एक बहुत बड़ा विषय हमारी शिक्षा प्रणाली का है। अपने देश में शिक्षा के कई स्तर हैं और उसी से पैदा पीढ़ी का व्यवहार व दायित्व उसी अनुसार...
More »श्रम और दक्षता का संतुलन-- मणीन्द्र नाथ ठाकुर
यह नई खोजों का समय है। भविष्य में वही समाज या देश आगे बढ़ेगा, जो नई वैज्ञानिक और सामाजिक खोजों में आगे रहेगा। दुनिया में इस समय तीन देश प्रतिस्पर्धा में हैं: चीन, भारत और अमेरिका। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने हाल में ‘ब्रेन प्रोजेक्ट' की शुरुआत करते हुए जिक्र किया कि इंटरनेट के बाद अगली क्रांति मनुष्य के दिमाग की तकनीकी को समझने की होगी और अमेरिका को ये...
More »परीक्षा में शिक्षामंत्री की पत्नी की जगह बैठी 'मुन्नी बहन'!
जगदलपुर/रायपुर/बिलासपुर (ब्यूरो)। पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय की परीक्षा में प्रदेश के शिक्षामंत्री केदार कश्यप की पत्नी की जगह किसी और महिला के परीक्षा देने का मामला सामने आया है। मामले के उजागर होने के बाद परीक्षा केंद्र के केंद्राध्यक्ष व मुक्त विश्वविद्यालय के समन्यवय ने चुप्पी साध ली है। बताया गया है कि तहसीलदार के निरीक्षण में यह गड़बड़ी पकड़ी गई लेकिन इसके बावजूद उक्त फर्जी महिला (मुन्नी बहन) परीक्षार्थी...
More »शिक्षा को 'व्यापार' बनाने के खतरे - हरि जयसिंह
कहा जाता है कि विकास केवल स्वतंत्र और पारदर्शी माहौल में ही संभव है। शैक्षिक और अकादमिक जगत के लिए भी यह सच है। शैक्षिक जगत में स्वतंत्रता और पारदर्शिता को केवल तभी कायम रखा जा सकता है, जब महत्वपूर्ण पदों पर चयन और नियुक्तियों में केवल और केवल योग्यता का खयाल रखा जाए और किसी तरह का कोई पक्षपात न किया जाए। वास्तव में गुणवत्ता के मानदंड शैक्षिक प्रक्रिया...
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