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तेलंगाना की तस्वीर- विनय सुल्तान

जनसत्ता 16 नवंबर, 2013 :  तेलंगाना की सात दिन की यात्रा से पहले मेरे लिए तेलंगाना का मतलब था आंदोलनकारी छात्र, लाठीचार्ज, आगजनी, आत्मदाह, रवि नारायण रेड्डी और नक्सलबाड़ी आंदोलन। संसद के शीतकालीन सत्र में तेलंगाना के दस जिलों की साढ़े तीन करोड़ आबादी का मुस्तकबिल लिखा जाना है। मेरे लिए यह सबसे सुनहरा मौका था वहां के लोगों के अनुभवों और उम्मीदों को समझने का। पृथक राज्यों की मांग के पीछे...

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आम आदमी और उसका राजनीतिक प्रयोग- गिरिराज किशोर

जनसत्ता 24 अक्तूबर, 2013 : आजादी के बाद एक प्रयोग डॉ राममनोहर लोहिया ने राज्यों में संविद सरकार बनवाने का किया था, जो सफल भी रहा। इसका कारण था, उन्होंने सरकारों के लिए कुछ मानक तय किए थे। उदाहरण के लिए, जब थानू पिल्लै की सरकार ने छात्रों पर गोली चलाई गई तो उन्होंने सरकार से त्यागपत्र देने को कहा। इस पर मतभेद हो गया। लेकिन वे इस सिद्धांत पर...

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एक कदम आगे या एक कदम पीछे- संजय कुमार

राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति ; प्रारूप, ग्रामीण विकास मंत्रलय भारत सरकार के द्वारा सार्वजनिक बहस के लिए रखी गयी है. इस प्रारूप के शुरू में सरकार ने इस समस्या की गहराई को आंकड़ों के जरिये ही स्पष्ट रूप से यह सामने रखा है कि भारत जैसे देश में भूमि सुधीर का सवाल कितना अहम है. राष्ट्रीय प्रतिदर्श संगठन (एनएसएसओ के आंकड़ों 2003-04) के अनुसार करीब 41.63} परिवारों के पास घर के अलावा और...

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‘हिंसा-अहिंसा की बहस अब बेमानी हो गई है’

अपनी नई डॉक्युमेंटरी फिल्म में फिल्मकार संजय काक भारत के भीतरी राज्यों छत्तीसगढ़, उड़ीसा और पंजाब के सफर पर ले चलते हैं, जहां क्रांति का सपना पल रहा है. अंग्रेजी में ‘रेड ऐंट ड्रीम’ और हिंदी में ‘माटी के लाल’ नाम से बनी यह फिल्म उन संघर्षों को पेश करती है जिनसे भारत में क्रांति की संभावनाएं जुड़ी हुई हैं. इसमें बस्तर में भारतीय राज्य के विरुद्ध संघर्षरत हथियारबंद आदिवासी,...

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गरीबों के नाम पर अर्थव्यवस्था का कबाड़ा- तवलीन सिंह

हमारे अपनों ने गरीब जनता के नाम पर पिछले सप्ताह की अर्थव्यवस्था की भयानक अनदेखी। दोष हर उस सांसद का है, जिसने खाद्य सुरक्षा विधेयक को पारित करने के लिए वोट डाला, लेकिन सबसे ज्यादा दोष किसी का है, तो वह है प्रधानमंत्री का, वित्त मंत्री का और सोनिया गांधी का। सोनिया और उनके सुपुत्र राहुल गांधी का हाथ भूमि अधिग्रहण विधेयक में भी है, जिसका पारित होना भी तकरीबन तय...

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