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एक साल में 64 फीसद बढ़े दालों के भाव

नई दिल्ली। महंगाई में नरमी के ट्रेंड के उलट नरेंद्र मोदी सरकार के पहले साल में प्रमुख मेट्रो शहरों में दालें 64 फीसद तक महंगी हुई हैं। खासतौर से घरेलू उत्पादन में कमी के चलते दालों के दाम बढ़े हैं। लगातार दूसरे वर्ष मानसून खराब रहने की भविष्यवाणी के बीच सरकार एमएमटीसी जैसी सरकारी टे्रडिंग फर्मों के जरिये दालों के आयात पर विचार कर रही है। इसका मकसद इनकी घरेलू आपूर्ति...

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13 जिलों में 50% से कम रोपनी, सूखे के हालात गंभीर

पटना: राज्य के 13 जिलों में सुखाड़ के हालात गंभीर है. ये जिले सुखाड़ग्रस्त होने के सरकारी मानक को पूरा भी कर रहे हैं. पटना समेत धान का कटोरा कहे जानेवाला संपूर्ण शाहाबाद, सारण व सीवान से सटे इलाकों में सूखे की गंभीर स्थिति बनी हुई है. 13 जिले पटना, भोजपुर, बक्सर, कैमूर, गया, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद, सारण, सीवान, मुजफ्फरपुर, शेखपुरा और जमुई में सामान्य से 50 प्रतिशत कम वर्षा हुई...

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दलहन-तिलहन का उत्पादन कम होने के आसार, 7 फीसदी घटी धान की बुआई

कृषि विभाग का अनुमान है कि इस साल दालों और तिलहन का उत्पादन घट सकता है। तिलहन में खासकर सोयाबीन की बुआई देर से हुई है जिसके कारण उत्पादकता घट सकती है। कृषि सचिव के मुताबिक अभी भी पिछले साल के मुकाबले बुआई का रकबा कम है। पिछले साल मानसून जल्दी आया और भारी बारिश हुई जिसके चलते किसानों ने रिकॉर्ड बुआई की लेकिन इस साल लेट मानसून बुआई में...

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जनसंख्या के बढ़ते बोझ को भोजन उपलब्ध कराने ऊपरी व शुष्क भूमि की उपयोगिता बढ़ाना है जरूरी

वैज्ञानिकों में भ्रम है कि हम उन्नत तकनीक की बात कर रहे हैं, तो पूर्व की परिस्थिति में ही सिर्फ निचली व मध्यम भूमि की उपयोगिता से काम चल जायेगा. लेकिन नयी परिस्थितियों में ऊपरी भूमि का उपयोग बढ़ाना जरूरी है. वहां ऐसी फसलें लगाने की जरूरत है जो कम पानी में और जल्दी तैयार हो जायें. जैसे मकई, मडुवा व 100 दिनों में तैयार होने वाला धान. मध्यम व निचली...

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जनसंख्या के बढ़ते बोझ को भोजन उपलब्ध कराने ऊपरी व शुष्क भूमि की उपयोगिता बढ़ाना है जरूरी

वैज्ञानिकों में भ्रम है कि हम उन्नत तकनीक की बात कर रहे हैं, तो पूर्व की परिस्थिति में ही सिर्फ निचली व मध्यम भूमि की उपयोगिता से काम चल जायेगा. लेकिन नयी परिस्थितियों में ऊपरी भूमि का उपयोग बढ़ाना जरूरी है. वहां ऐसी फसलें लगाने की जरूरत है जो कम पानी में और जल्दी तैयार हो जायें. जैसे मकई, मडुवा व 100 दिनों में तैयार होने वाला धान. मध्यम व निचली...

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