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सहकारी संघवाद चलाना मुश्किल -- संदीप मानुधने

आज के राजनीतिक विवादों (विशेषकर नोटबंदी के बाद के संघर्ष) को देखें, तो सवाल उठता है कि भारत संघात्मक है या एकात्मक? इसका विश्लेषण इतिहास, संविधान और आर्थिक वास्तविकताओं को समझने से हो सकेगा. सहयोगी संघवाद (कोआॅपरेटिव फेडेरलिज्म) वह दृष्टिकोण है, जिसमें राष्ट्रीय और राज्य सरकारें साझा समस्याओं को सुलझाने के लिए परस्पर सहयोग करती हैं. इसके सफल परिचालन के लिए शक्तियों का एक संघीय संतुलन निर्मित करना...

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प्रदूषण की चपेट में समुद्री जीवन-- अरविन्द कुमार सिंह

हाल ही में ‘नेचर जियोसाइंस' पत्रिका का यह खुलासा चिंतित करने वाला है कि वायु प्रदूषण की वजह से समुद्री जीवन विषैला बन रहा है। यह खुलासा स्पेन के वैज्ञानिकों ने किया है। उनके शोध के मुताबिक जीवाश्म र्इंधन का उपयोग, औद्योगिक कार्बन उत्सर्जन और जंगल की आग समुद्री जीवन को जहरीला बना रहे हैं। इन वैज्ञानिकों का दावा है कि इनसे उत्सर्जित पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन्स (पीएएचएस) नामक घातक रसायन...

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मुद्रामुक्त समाज का दिवास्वप्न-- पुष्परंजन

यूरोप का पहला देश है स्वीडन, जहां सन् 1661 में पहली बार बैंक नोट जारी किया गया था. उसी स्वीडन ने 2030 तक संपूर्ण रूप से करेंसी नोट मुक्त करने का संकल्प किया है. स्टाॅकहोम रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर निकलस अरविंदसन ने 2013 में एक अध्ययन के जरिये अनुमान लगाया था कि स्वीडन 2030 तक ‘मुद्रामुक्त समाज‘ घोषित हो जायेगा. अरसे से स्वीडन की बसों, मेट्रो में कैश...

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मूडीज ने कहा, निवेश को गति देने के लिए पीपीपी मॉडल को विकसित करने की जरूरत

नयी दिल्ली : रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने आज कहा कि देश के बुनियादी ढांचा क्षेत्र में अधिक निजी निवेश आकर्षित करने के लिये सार्वजनिक निजी भागीदारी :पीपीपी: मॉडल को और विकसित किये जाने की जरुरत है. इससे वृद्धि को गति देने में मदद मिलेगी. मूडीज के वीपी :उपाध्यक्ष: तथा वरिष्ठ विलेषक अभिषेक त्यागी ने कहा कि देश में पिछले 20 साल में कुछ क्षेत्रों में पीपीपी व्यवस्था उपयुक्त...

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कार्बन डाई आक्साइड को रोकने की दौड़ में भारत समेत छह देश

ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार कार्बन डाई आक्साइड (सीओ2) को पर्यावरण के अनुकूल पदार्थ में बदलने की वैश्विक प्रतियोगिता में भारत समेत छह देशों की टीमें अंतिम दौड़ में बची हैं। इस प्रतियोगिता के विजेता को 133.59 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। एक्सप्राइज नाम की इस प्रतियोगिता में नौ जजों के पैनल ने हाल में छह देशों की 27 टीमों के प्रस्तावों को चुना है। चयनित टीमों को अब एक साल का...

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