इंडियास्पेंड, 23 दिसम्बर सरसों भारत की प्रमुख खाद्य तेल फसल है। भारत पिछले कुछ दशकों से तेल की मांग पूरी करने के लिए विदेशों से खाद्य वनस्पति तेल आयात करता है। तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर होने, उत्पादकता बढ़ाने और विदेश जाने वाले करोड़ों डॉलर बचाने के लिए जीएम सरसों को विकल्प के तौर पर देखा जा रहा। लेकिन पर्यावरण प्रेमी, कई किसान संगठन, खाद्य मामलों के जानकार जीएम सरसों का विरोध...
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किसानों को बड़ी राहत, खाद सब्सिडी ₹2.5 लाख करोड़ रहने की उम्मीद, जानिए एफएआई ने क्या कहा
एबीपी न्यूज, 07 दिसम्बर भारतीय किसानों को मिलने वाली उर्वरक सब्सिडी को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. केंद्र सरकार चालू वित्तवर्ष 2022-23 में उर्वरक पर सब्सिडी का दायरा बढ़ाने जा रही है. इस साल यह सब्सिडी बढ़ाकर 2.3 से 2.5 लाख करोड़ रुपये की जाने की उम्मीद है. वही अगले वित्तवर्ष में इसमें 25 फीसदी की बड़ी गिरावट भी आ सकती है. इस बारे में फर्टिलाइजर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FAI)...
More »जेनेटिकली मॉडिफाइड खाद्य पदार्थों के लिए FSSAI के नियम तैयार, फूड पैकेट पर लगाना होगा लेबल
जागरण, 29 नवम्बर भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने आनुवंशिक रूप से संशोधित खाद्य पदार्थों यानि जेनेटिकली मॉडिफाइड (Genetically Modified Foods) के लिए नियमों का मसौदा तैयार किया है। इसमें जेनेटिकली मॉडिफाइड जीवों से निर्मित खाद्य या सामग्री के निर्माण, बिक्री और आयात के लिए नियामक से पूर्व अनुमोदन अनिवार्य करने का प्रस्ताव किया गया है। अगर ऐसा होता है, तो कई खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता में सुधार आ...
More »मुनाफे के मंसूबे में चौथी हरित क्रांति की भ्रांति
दैनिक ट्रिब्यून, 29 नवम्बर वह सब जो हाल में पढ़ा, अगर सच है तो चौथी हरित क्रांति मौजूदा कृषि व्यवस्था का हुलिया बदल देगी। परिष्कृत कृषि तकनीकें, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस सहित रोबोटिक्स, डिजिटल तकनीक और सिंथेटिक भोजन इत्यादि है, आखिरकार भोजन प्रणाली के केंद्रीयकरण एवं नियंत्रण बनाने की ओर ले जाती हैं। फायदेमंद पहलू से, ये संभावनाएं शुरुआत में उत्साहित करती हैं, पर नुकसान के नजरिए से, ऐसे हालात बनेंगे कि...
More »दुनिया भर में खाद्य संकट से निपटने तथा बढ़ती कीमतों पर इस तरह लगाई जा सकती है लगाम: अध्ययन
डाउन टू अर्थ, 23 नवम्बर वैश्विक खाद्य प्रणाली ने हाल के वर्षों में कई अभूतपूर्व खतरों और आपूर्ति की रुकावटों का सामना किया है, जिसमें कोविड-19, टिड्डियों का आक्रमण और चरम मौसम की घटनाएं शामिल हैं। कोविड-19 से पहले ही खाद्य प्रणाली दबाव में है और खाद्य असुरक्षा बढ़ रही है, रूस-यूक्रेन युद्ध ने एक और झटका दिया, जिसके कारण खाद्य पदार्थों की कीमतें आसमान छूने लगी। अब शोधकर्ताओं के खाद्य संकट...
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