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टाइम यूज सर्वे: महिलाओं के गले में बंधा है घर का चुल्हा चौंका और देखभाल का अवैतनिक काम

अन्य कई कारणों के अलावा, देश में पुरूषों के मुकाबले महिलाओं की कम श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) के पीछे एक कारण (अर्थशास्त्रियों के अनुसार) यह है कि युवा लड़कियां शिक्षा ग्रहण कर रही हैं, जिसकी वजह से माध्यमिक और उच्च शैक्षिक स्तर पर महिलाओं के एनरोलमैंट में सुधार देखने को मिला है. इसका अर्थ यह है कि अधिक से अधिक भारतीय महिलाएँ अपनी शिक्षा को जारी रखने के लिए...

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बेगूसराय के इस विकलांगों के गांव के लिए बिहार चुनाव में क्या है?

-न्यूजलॉन्ड्री, उबड़-खाबड़ रास्तों से गुजरते हुए जब हम मुहीदा परवीन से मिलने पहुंचे तो वह अपनी चाची के घर पर महिलाओं के साथ बीड़ी बना रही थीं. 30 वर्षीय परवीन दोनों पैरों से विकलांग हैं. माथे पर दुप्पटा डाले और नजरों को बीड़ी की तरफ गड़ाए हुए परवीन कहती हैं, ‘‘कहीं बाहर जा नहीं सकती. एक ही जगह जिंदगी गुजर रही है. मुझे देखने वाला कोई भी नहीं है. इससे बड़ा...

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बिहार चुनाव: महादलित, जिन पर नीतीश कुमार पर जानलेवा हमले का मुकदमा चल रहा है

-बीबीसी, "ढाई साल से अधिक वक़्त बीत गया. अब तो सब लोग भूल भी गए हैं. मगर हम लोगों को याद है कि हमारे टोले में प्रशासन ने कितना तांडव मचाया था. घर की बहू-बेटियों पर कितना अत्याचार हुआ था. उन्हें जबरन घर से उठाकर जेल में डाल दिया गया. वैसे लोगों पर मुकदमा किया गया जो मर चुके हैं और जो विदेश में रहते हैं. आरोप लगाया गया कि हमने...

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दुनिया का हर छठा बच्चा घोर ग़रीबी में, महामारी से यह संख्या बढ़ने की आशंका: रिपोर्ट

-द वायर, कोविड-19 महामारी शुरू होने से पहले दुनिया का हर छठा बच्चा (करीब 35.6 करोड़) घोर गरीबी में जीवनयापन कर रहा था और यह स्थिति और खराब होने की आशंका है. यह आकलन विश्व बैंक और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) की नवीनतम विश्लेषण रिपोर्ट में किया गया है. ‘ग्लोबल एस्टीमेट ऑफ चिल्ड्रेन इन मॉनिटरी पॉवर्टी : ऑन अपडेट’ नाम से जारी रिपोर्ट में रेखांकित किया गया है कि उप सहारा...

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भारत में न्याय अब एक ऐसा शब्द है जो अपना मतलब खोता जा रहा है

-सत्याग्रह, साल 2000 में अपने एक व्याख्यान में चर्चित अर्थशास्त्री टीएन श्रीनिवासन ने कहा था कि ‘भारत में अगर कोई गरीब है तो इसकी ज्यादा संभावना है कि वह किसी ग्रामीण इलाके में रह रहा होगा, अनुसूचित जाति या जनजाति या फिर सामाजिक रूप से पिछले वर्ग से ताल्लुक रखता होगा, कुपोषित, बीमार या फिर कमजोर स्वास्थ्य वाला होगा, अनपढ़ या फिर कम पढ़ा-लिखा होगा और कुछ खास राज्यों (जैसे बिहार,...

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