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धमतरी में कर्ज से परेशान एक और किसान ने की खुदकुशी

धमतरी/रायपुर। धमतरी में कर्ज से दबे एक और किसान चंद्रहास साहू ने सोमवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों का दावा है कि उस पर एक लाख रुपए से ज्यादा का कर्ज था, जिससे परेशान होकर खुदकुशी की है। प्रदेश में अकेले जून महीने में अब तक नौ किसान जान दे चुके हैं। छत्तीसगढ़ किसान-मजदूर महासंघ के मुताबिक यह संख्या 10 जा पहुंची है।   इधर रायपुर पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय...

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खानपान थोपने की बेजा कोशिशें - मृणाल पांडे

पिछले कुछ समय से भारतीय खानपान के लोकतंत्र में मांसाहार के खिलाफ शाकाहार के स्वयंभू रक्षकों ने एक अजीब सा धावा बोल रखा है। भारतीय परंपरा की शुचिता बनाए रखने की अपील करते हुए वे देश के सभी लोगों को जबरन मांसाहार से शाकाहार की तरफ हांक रहे हैं। संभव है कि उनको किसी हद तक शाकाहारी धड़े के मन की बनावट की कुछ जानकारी हो, किंतु वे इस महत्वपूर्ण...

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उज्जवला की गैस से होटल में बन रही चाय, गरीब की रसोई में अब भी धुआं

हरिओम गौड़/ अजीत तिवारी। भोपाल/श्योपुर। गरीबों की रसोई को धुआंमुक्त करने के मकसद से शुरू हुई उज्जवला योजना गरीब की रसोई नहीं बल्कि होटलों के किचन को उज्जवल कर रही है। बड़ी संख्या में गरीबों ने योजना के तहत मुफ्त में मिले गैस सिलेंडर चाय-नाश्ते की होटल वालों को बेच दिए हैं जो महंगे कर्मशियल सिलेंडर की जगह इन सिलेंडर का इस्तेमाल कर अपने पैसे बचा रहे हैं।   हालात यह हैं...

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अवैध बूचड़खाने पर लगाए बैन का असर, चाय बेच रहे हैं मीट व्यापारी

मुजफ्फरनजर। उत्तर प्रदेश में अवैध बूचड़खानों पर बैन लगने का असर मीट व्यवसायियों पर साफ दिख रहा है। मीट व्यवसायियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से कई मीट दुकान के मालिकान अब चाय बेचने को मजबूर हैं। मुजफ्फरनगर निवासी नजाकत ने बताया कि मेरी मीट शॉप को जबरदस्ती बंद करवा दिया गया, जबकि मेरे पास वैध लाइसेंस था। अब मुझे चाय बेचने को मजबूर होना पड़ा। वहीं, एक अन्य मीट व्यापारी...

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प्रदूषण के लिए सरकार जिम्मेवार-- डा. भरत झुनझुनवाला

देश के तमाम शहरों में वायु प्रदूषण ने गंभीर रूप धारण कर लिया है. लोग बीमार हो रहे हैं, परंतु सरकार निष्क्रिय है. सरकार के इस कृत्य को समझने के लिए प्रदूषण का गरीब तथा अमीर पर अलग-अलग प्रभाव को समझना होगा. अर्थशास्त्र में दो तरह के माल बताये जाते है- व्यक्तिगत एवं सार्वजनिक. व्यक्तिगत माल वे हुए, जिन्हें व्यक्ति अपने स्तर पर बाजार से खरीद सकता है जैसे चाय...

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