नयी दिल्ली : कृषि उत्पादन के बारे में सरकार ने ताजा अनुमान जारी किया है. सरकार के अनुमानों के अनुसार, देश में चालू फसल वर्ष जुलाई-जून 2017-18 में 27 करोड़ 95.1 लाख टन अनाज का उत्पादन होगा, जो एक कीर्तिमान है. यह अनुमान पिछले साल के उत्पादन के मुकाबले 1.6 फीसदी अधिक है. पिछले साल से मॉनसून अच्छा रहा और कृषित उत्पादों के समर्थन मूल्य में वृद्धि से किसान अधिक...
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कृषि अर्थशास्त्र मानसून से आगे-- देविन्दर शर्मा
सबसे पहले अच्छी खबरें। लगातार तीसरे साल मानसून के सामान्य रहने की संभावना है। ‘भारतीय मौसम विज्ञान विभाग' ने यह भविष्यवाणी की है कि आने वाले दिनों में चौतरफा अच्छी बारिश होगी और पूरे मानसून सीजन में 97 फीसदी बारिश होगी। लेकिन बात यहीं पूरी नहीं हो जाती। हमें मौसम विज्ञानियों पर भरोसा है, मगर कई स्वाभाविक कारणों से सामान्य से कम वर्षा की 44 प्रतिशत आशंकाएं भी हैं। पिछले...
More »सरकारी राशन की दुकानों से गरीबों को अब मिलेगा मड़ुआ, सावां आैर कोदो
नयी दिल्ली : सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिये ज्वार, बाजरा तथा अन्य पोषक मोटे अनाजों को वितरित करने का फैसला किया है. आधिकारिक आदेश के मुताबिक, गरीबों को पोषण सुरक्षा उपलब्ध कराने के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है. खाद्य कानून के तहत सरकार राशन की दुकानों के जरिये देश की 81 करोड़ जनता को गेहूं, चावल जैसे खाद्यान्नों को भारी सब्सिडी के साथ एक से तीन रुपये...
More »बिहार : मां-बाप के इलाज के लिए भीख मांग रही बच्ची
सुलतानगंज : लाचार मां-बाप का इलाज और भरण-पोषण के लिए एक आठ साल की बेटी को घर-घर भीख मांगनी पड़ रही है. भीख में मिले पैसे से वह माता-पिता, एक बहन और खुद के लिए भोजन की व्यवस्था करती है. जिस दिन भीख में पैसे नहीं मिलते हैं, उस दिन घर में भोजन पर भी आफत हो जाती है. आस-पड़ोस के लोग भूखे देख कभी भोजन का इंतजाम कर...
More »प्रसंगवश : संभावनाओं से भरे खेतों को बाजार से जोड़ना जरूरी
मौसम रूठा, बादलों से ओले बरसे और देखते ही देखते मध्यप्रदेश के एक हिस्से की फसलें जमीन पर जा गिरीं! यहां सरकार की मजबूरी समझी जा सकती है, लेकिन उसी दौरान दूसरे इलाके के खेतों में बंपर पैदावार की वजह से भाव नहीं मिले और किसान सड़कों पर टमाटर फेंकते, खेतों से पौधे उखाड़ते नजर आए! यह हर हाल में अस्वीकार होना चाहिए, किसान को भी और सरकार को भी!...
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