नई दिल्ली. मजबूत जन लोकपाल बिल के लिए आमरण अनशन पर अटल अन्ना हजारे ने केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल को ‘झूठा’ करार देते हुए कहा है कि सरकार ने सिविल सोसायटी के ड्राफ्ट की अनदेखी की है। सिब्बल के लोकसभा क्षेत्र चांदनी चौक में कराए गए जनमत सर्वे के रिजल्ट घोषित करते हुए अन्ना ने कहा कि देश में सही मायने में लोकतंत्र लाना है तो यही रास्ता है। उन्होंने...
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मजबूत बिल पेश कर इतिहास रचे केंद्र सरकार
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। अन्ना हजारे ने केंद्र सरकार से संसद में ऐसे प्रावधानों वाला लोकपाल बिल पेश करने की अपील की, जो भ्रष्टाचार पर पूरी तरह कारगर हो। उन्होंने कहा है कि वह संसद की स्थायी समिति से सरकारी बिल की गड़बड़ियों को दूर करने की अपील जरूर कर सकते हैं, लेकिन अगर सरकार ने पूरी तरह गड़बड़ ढाचे वाला बिल पेश किया, तो संसदीय समिति भी इसे पूरी...
More »सरकार बनाम सिविल सोसायटी- कुलदीप नैयर
भारत में सिविल सोसाइटी सरकार को एक गतिशील जन लोकपाल विधेयक को स्वीकार कराने में सफल नहीं हो सकी। फिर भी इस गतिविधि के मुख्य केंद्र गांधीवादी अन्ना हजारे ने आंदोलन तथा अनशन की जो चेतावनी दी है, उसने सरकार के मन में परमात्मा का भय तो बैठा ही दिया। उसने अपने परिवेश की स्वच्छता की दिशा में शुरुआत कर दी है। दो दूरसंचार मंत्रिमंडल से त्यागपत्र देने को बाध्य किए...
More »मुद्दा: लोकपाल पर लोक मत
क्या प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में रखा जाना चाहिए और क्या लोकपाल को किसी के प्रति जवाबदेह बनाया जाना चाहिए सवालों पर हमने विभिन्न क्षेत्र के ख्यातिलब्ध हस्तियों की राय जानी जो इस प्रकार है। प्रधानमंत्री को लोकपाल के अधीन होना चाहिए। स्वच्छ और पारदर्शी व्यवस्था के लिए ऐसा होना बेहद जरूरी है। लोकपाल को जनता के प्रति जवाबदेह होना चाहिए। उसे जनता द्वारा ही चुना जाना चाहिए।...
More »लोकपाल विधेयक-- 15 नहीं 16 अगस्त का इंतजार- पु्ण्य प्रसून वाजपेयी
जन लोकपाल अगर सरकारी लोकपाल नहीं हो सकता और सरकारी लोकपाल का मतलब अगर भ्रष्टाचार का लाइसेंस सरकार के ही पास रखनेवाला है, तो फ़िर अन्ना हजारे का आंदोलन भी अब महज भ्रष्टाचार के खिलाफ़ मुनादीवाला नहीं हो सकता. क्योंकि सिविल सोसाइटी के लिए जो मुद्दे भ्रष्टाचार के घेरे में आते हैं, सरकार के लिए वह संसदीय व्यवस्था का तंत्र है. शायद इसीलिए पहली बार लोकतंत्र के तीनों पाये चेक एंड बैलेंस...
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