जनचौक,02 अगस्त बड़ी संख्या में लोग मानने लगे हैं कि भारतीय लोकतंत्र एक संकट के दौर से गुज़र रहा है। लोकतान्त्रिक संस्थाओं की कार्य शैलियाँ बदल रही हैं, कार्यकारिणी और न्यायपालिका के काम-काज में अनावश्यक हस्तक्षेप हो रहा है और शैक्षणिक संस्थाओं में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से दखलंदाजी बढ़ती जा रही है। पाठ्यपुस्तकें बदली जा रही हैं और इतिहास को तोड़-मरोड़ कर बच्चों के सामने प्रस्तुत किया जा रहा है।...
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रेगिस्तान के ओरणों में क्यों मर रहे चिंकारा?
डाउन टू अर्थ ,26 जुलाई जैव-विविधता और तमाम वन्यजीवों से भरे थार रेगिस्तान में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। रेगिस्तान की पहचान और राजस्थान के राज्य पशु चिंकारा का जीवन संकट में है। जैसलमेर जिले के ओरणों (चारागाह या गोचर भूमि) में सैंकड़ों चिंकारा हिरणों के साथ हादसों की कई घटनाएं हुई हैं। ग्रामीणों और पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि पिछले तीन-चार महीनों में 100 से ज्यादा चिंकारा हिरणों...
More »100 रुपये में डीजल, 250 रुपये घंटा सिंचाई दर; सावन में खेतों में उड़ रही धूल
जनचौक, 25 जुलाई प्रयागराज। सावन के महीने में यूपी में खेतों में धूल उड़ रही है। पिछले साल बारहों महीने बेतहाशा बरसने वाले बादल इस साल मानसून में भी नहीं आये। आषाढ़ बीत गया। खेतों में बेहन रोपनी की राह देखते-देखते चेहरे पत्थर हो चले हैं। रोपनी गीत स्त्रियों के गलों में ही दबे रह गये। जो लोग कहीं से पानी का जुगाड़ करके धान की रोपाई कर भी दिये हैं...
More »उत्तराखंड में तेंदुओं के साथ जीवन और जिम कार्बेट की विरासत
कार्बनकॉपी, 25 जुलाई कभी जिम कॉर्बेट ने तेंदुओं को सबसे सुंदर जीव का दर्जा दिया था। यही जीव उत्तराखंड में मुश्किल में है। आवास और भूख मिटाने के लिए शिकार की कमी झेल रहे इस जीव का शिकार भी बढ़ा है। लगभग सौ साल पुरानी बात है। एक आदमखोर तेंदुए ने रुद्रप्रयाग के क्षेत्र में भारी तबाही मचा रखी थी। आठ साल में कम से कम 125 लोगों की जान लेने वाले...
More »क्षेत्रपति वर्ग’ के लिए चुनौतीपूर्ण हो गया है मौजूदा दौर
जनचौक, 24 जुलाई भारत में ‘क्षेत्रपति वर्ग’ का उल्लेख वेदों में स्पष्ट रूप से मिलता है। यह वो वर्ग है जो भूमि स्वामी रहे। इस वर्ग में विभिन्न नस्ल जातियां धर्म और क्षेत्रों के लोग मूल रूप से भूमि से जुड़े कार्यों से जीवन यापन करते थे। जो मुख्यत: किसान थे। भौगोलिक क्षेत्र में कृषि कार्यों पर आधारित जीवन शैली ने क्षेत्रपति वर्ग का निर्माण किया! कृषि उद्योग ही जीवन पद्धति का मूल अंग रहा! क्षेत्रपति वर्ग में नस्ल जाति धर्म का कोई आधारगत वर्गीकरण...
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