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निर्धारित लक्ष्य से पीछे चल रही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, कवरेज भी घटा !

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का बजट-आबंटन अंतरिम बजट (2019-20) में घट गया है. एक तथ्य यह भी है कि फसल बीमा योजना पिछले दो सालों से अपने निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने में नाकाम रही है. बजट-आबंटन घटने की एक वजह यह भी हो सकती है.   साल 2017-18 की बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन की स्थिति बताने वाले दस्तावेज में कहा गया था कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना(पीएमएफबीवाय) की कवरेज सकल फसलित क्षेत्र...

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राजनीतिक एजेंडे में पर्यावरण क्यों नहीं-- नवरोज के दुबाश

भारत में पर्यावरण की हालत काफी भयावह है। इससे जुड़े आंकडे़ परेशान करने वाले हैं। मसलन, देश की हर पांच में से तीन नदियां प्रदूषित हैं। ज्यादातर ठोस कचरों का निस्तारण नहीं किया जाता; यहां तक कि देश के समृद्ध हिस्सों में भी नहीं। मुंबई में 90 फीसदी, तो दिल्ली में 48 फीसदी कचरों का निस्तारण नहीं हो पाता। फिर, देश की तीन-चौथाई आबादी उन हिस्सों में बसती है, जहां...

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पीएम-किसान सम्मान निधि योजना: आखिर किन किसान परिवारों को सहायता मिलेगी ?

‘पैसा ना कौड़ी, बीच बाजार में दौड़ा-दौड़ी’- क्या आपने कभी ये कहावत सुनी है? इस कहावत का ठीक-ठीक अर्थ समझना हो तो इस बार के अंतरिम बजट की एक खास घोषणा को गौर से पढ़िये! घोषणा हुई है कि दो हैक्टेयर तक की जोत वाले किसानों को सालाना आमदनी-सहायता के रुप में छह हजारे मिलेंगे, रुपया सीधा किसानों के बैंक-खाते में जायेगा. लेकिन क्या आपने अंतरिम वित्तमंत्री के अंतरिम बजट के हिसाब किताब पर...

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बिहार: किसानों ने की यह गलती तो नहीं मिलेगे 6 हजार रुपये

राज्य के ऐसे किसान जिनके नाम एक फरवरी 2019 तक लैंड रिकॉर्ड में दर्ज हैं, उन्हें ही सालाना छह हजार नकद मिलेगे। इस तिथि के बाद अगर जमीन की खरीद-बिक्री के बाद जमीन दस्तावेजों में मालिकाना हक का बदलाव हुआ तो अगले पांच साल तक इस योजना का लाभ उन्हें नहीं मिलेगा। हालांकि, अगर अपनों के नाम पर जमीन हस्तांतरण में मालिकाना हक में बदलाव होता है तो वे इस...

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किसान को 19 टन आलू बेचने पर मुनाफा सिर्फ 490 रुपये, पीएम को किया मनीआर्डर

आलू (Potato Farmer) उगाने में तन-मन-धन लगाया। इसकी बिक्री करने के बाद जो नतीजा निकला, उसे देख किसान के होश ही उड़ गए। 368 पैकेट की बिक्री पर खर्चा काटने के बाद प्राप्ति महज 490 रुपये हुई। यदि इसका हिसाब बनाया जाए तो किसान को प्रति 50 किलो के पैकेट पर 1.33 रुपये ही मिले। उसकी लागत 500 रुपये के आसपास आई थी। किसान ने इस लेन-देन के बाद हाथ...

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