जून महीने के बीस दिनों में हुर्इं चालीस से अधिक किसानों की आत्महत्याओं का किसी के पास कोई जवाब नहीं है। किसान आंदोलन से निपटने के लिए सरकार को ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य' पर केवल तुअर, मूंग और उड़द खरीदने और आठ रुपए किलो में प्याज खरीदने और फिर भंडारण की कमी के चलते सड़ाने की तजवीज भर नजर आई। आज भी किसानी ‘अन-स्किल्ड' यानी अकुशल श्रम भर मानी जाती है...
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पेंशनरों का मामला अटका, नियमित कर्मचारियों को मिलेगा सातवां वेतनमान
भोपाल। प्रदेश के दो लाख से ज्यादा पेंशनरों को सातवें वेतनमान के हिसाब से पेंशन का फायदा अभी नहीं मिलेगा। छत्तीसगढ़ सरकार की सहमति नहीं मिलने से पेंशनरों को छोड़कर नियमित कर्मचारियों को एक जुलाई 2017 से सातवां वेतनमान दिया जाएगा। इसके लिए मंगलवार को प्रस्तावित कैबिनेट बैठक में वित्त विभाग प्रस्ताव रखेगा। बताया जा रहा है कि कर्मचारियों के वेतन में औसत 14 प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है।...
More »राशन से दो किलो गेहूं काटकर जबरन दे रहे 10 किलो प्याज
मुरैना। जिलेभर की उचित मूल्य की दुकानों से सरकार दो रुपए किलो प्याज बिकवा रही है। लोग भी अपनी जरूरत के हिसाब से इन दुकानों से प्याज खरीद रहे हैं। किसी भी तरह के राशन कार्डधारक के अलावा कोई भी प्याज खरीद सकता है, लेकिन अब पीडीएस दुकान संचालकों द्वारा गेहूं के बदले जबरन प्याज थमाने के मामले भी सामने आ रहे हैं। संचालक खासतौर से उन लोगों के साथ ऐसा...
More »जैविक खेती की मौन क्रांति-- बाबा मायाराम
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में एक छोटा सा कस्बा है गनियारी। यहां का जन स्वास्थ्य सहयोग अस्पताल है जहां बीमारी के इलाज के साथ उसकी रोकथाम पर जोर दिया जाता है। स्वस्थ रहने के लिए लोगों को अच्छा भोजन मिले इसके लिए कृषि कार्यक्रम चलाया जा रहा है। बिलासपुर जिले के कई गाँवों में किसान जैविक खेती से धान पैदावार बढ़ा रहे हैं। जब वर्ष 2000 में जन स्वास्थ्य सहयोग...
More »किसानों से क्रूरता की राजनीति-- पवन के वर्मा
शिवराज सिंह चौहान संभवतः एक सदाशयी व्यक्ति हैं. व्यापम घोटाले के गहरे दाग के बावजूद, सामान्यतः उन्हें एक अच्छा प्रशासक माना जाता रहा है. यह भी संभव है कि अपने शासन में पुलिस की गोलियों से छह किसानों की नृशंस हत्या से वे वस्तुतः क्षुब्ध हों. मंदसौर में अमन और आम हालात की बहाली के लिए किया गया उनका एकदिनी अनशन उनके समर्थकों के अनुसार एक सद्भावनापूर्ण संकेत था, हालांकि...
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