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बिहार: इस साल राज्य में बाढ़ से बर्बाद हुआ 7.54 लाख हेक्टेयर फसली क्षेत्र

-द वायर, हर वर्ष आने वाली बाढ़ से बिहार में जान-माल का व्यापक नुकसान होता है. इस वर्ष बाढ़ से बिहार में 7.54 लाख हेक्टेयर फसली क्षेत्र प्रभावित हुआ है. वर्ष 2018 में बाढ़ से 0.034 मिलियन हेक्टेयर और वर्ष 2019 में 2.61 लाख हेक्टेयर फसल क्षेत्र को क्षति पहुंची. आजादी के बाद 1953 से 2017 तक बिहार में बाढ़ से कुल 2.24 मिलियन हेक्टेयर फसली क्षेत्र का नुकसान हुआ, जिसका मूल्य...

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बिहार चुनाव में ये फूल काँटे की तरह क्यों चुभ रहे हैं?

-बीबीसी, "फूल की कोई क़ीमत नहीं है. क़ीमत लगी तो 500 रुपए में भी 20 लड़ी (एक लड़ी में 52 फूल) बिका, और नहीं हुआ तो पटना ही बिगा(फेंका) गया. एक रुपया भी नहीं मिला. फूल देखने में बहुत सुंदर लगता है, लेकिन हमारे लिए तो खेत में खड़ा हुआ फूल किसी काँटे से कम नहीं." कड़ी धूप में अपने फूल के खेत में काम करते हुए रूपा देवी ज़रा खीझ...

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“हालिया कृषि कानून देश के किसानों के साथ गद्दारी हैं,” किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी

-कारवां, हरियाणा और पंजाब के किसान संसद में पारित हुए तीन कृषि कानूनों (कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून, 2020, कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार कानून, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून, 2020) के खिलाफ आंदोलित हैं. हरियाणा में इन दिनों चल रहे किसान आंदोलन की अगुवाई भारतीय किसान यूनियन (चढूनी)के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी कर रहे हैं जो पिछले 30 सालों से हरियाणा में किसान आंदोलन...

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कृषि विधेयकों के खिलाफ आखिरकार विपक्ष एकजुट हुआ है, लेकिन इतना ही काफी नहीं है

-द प्रिंट, नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पर्याप्त विचार किए बिना पारित कृषि विधेयकों के विरोध में 18 विपक्षी दलों और 31 किसान संगठनों ने अपनी एकजुटता प्रदर्शित की है. विधेयकों में साफ ज़ाहिर कमियों के कारण वे चाहते थे कि राज्यसभा में पारित किए जाने से पहले उन्हें समीक्षा के लिए सदन की स्थाई समिति में भेजा जाए. लेकिन विपक्ष की मांग को सिरे से खारिज कर दिया गया. कई विशेषज्ञों...

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कृषि विधेयक और श्रम क़ानून में बदलाव: महामारी के बीच मोदी सरकार का विध्वंसकारी खेल

-द वायर, पिछले साल नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया था कि बड़े संरचनात्मक सुधारों जैसे नोटबंदी और जीएसटी ने अर्थव्यवस्था और इसके विकास में गंभीर व्यवधान पैदा किया है, भले ही ऐसे सुधार लंबे समय में फायदेमंद होंगे. इससे पहले कि इन तबाही लाने वाले मशहूर सुधारों के कोई लाभ दिखाई देते, मोदी सरकार ने नए कृषि विधेयकों और श्रम कानूनों में बदलाव के रूप...

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