उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के चार चरण पूरे हो चुके हैं और पांचवें चरण के मतदान की तैयारी है। इस तैयारी के बीच राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला और तेज होता जा रहा है। विकास और जनहित के मसलों के साथ शुरू हुआ चुनाव प्रचार एक-दूसरे का उपहास उड़ाने और यहां तक कि बेतुके बयानों तक पहुंच गया। हद तब हो गई जब एक-दूसरे पर निशाना साधने के क्रम...
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लोकतंत्र पर उठते सवाल-- अनुपम त्रिवेदी
देश में चुनावी माहौल है. कुछ प्रदेशों में चुनाव हो रहे हैं और कुछ में शीघ्र होनेवाले हैं. लगभग हर छह माह में कहीं न कहीं चुनाव होते हैं और इन्हें लोकतंत्र के पर्व की संज्ञा दी जाती है. भारत के सांस्कृतिक और धार्मिक कैलेंडर में यूं ही रोज कोई न कोई त्योहार होता है. उन त्योहारों में चुनाव रूपी यह सरकारी त्योहार भी जुड़ गये हैं. सभी यह त्योहार...
More »नोटबंदी से परेशान निम्न-मध्यम वर्ग व छोटे उद्यमियों को वित्त मंत्री ने की साधने की कोशिश-- राजेन्द्र तिवारी
धूम-धड़ाके वाली नोटबंदी से परेशान देश के लिए केंद्र सरकार ने वर्ष 2017-18 के लिए निम्न व मध्यवर्ग को राहत देने वाला, सामाजिक व ग्रामीण क्षेत्र में आवंटन बढ़ाने और कृषि व किसानों के लिए सरकारी खर्च बढ़ाने वाला बजट पेश किया. यह पहला ऐसा बजट है जिसमें योजना और गैर योजना की श्रेणी खत्म कर दी गयी और रेलवे अन्य विभागों की तरह ही इसमें शािमल किया गया. वित्त...
More »घटी है संसद की शान-- विश्वनाथ सचदेव
आपने भी देखा होगा समाचार चैनलों पर वह दृश्य, जिसमें त्रिपुरा विधानसभा का एक विधायक स्पीकर का राजदंड लेकर इधर-उधर भाग रहा है और कुछ लोग, शायद सदन के सुरक्षा कर्मचारी, उसके पीछे भाग रहे हैं. सुना है, विधायक इस बात से नाराज था कि स्पीकर ने उसे सदन में कोई मुद्दा उठाने नहीं दिया. जब मैं यह दृश्य देख रहा था, तो मुझे लग रहा था कि विधायक हमारे...
More »नजरें अब अगले बजट पर रहेंगी-- आर. सुकुमार
अगले साल हमारी संसद में कामकाज कुछ जल्दी ही शुरू हो जाएगा। शीतकालीन सत्र के पूरी तरह बेकाम चले जाने व जीएसटी यानी वस्तु और सेवा कर को लागू करने की समय-सीमा टलने के खतरे को देखते हुए सरकार जनवरी के दूसरे सप्ताह से संसद का बजट सत्र बुला सकती है। आम बजट भी एक फरवरी को पेश किया जाएगा। मुझे आगामी बजट में लोक-लुभावन घोषणाओं की उम्मीद है। बीते...
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