-न्यूजलॉन्ड्री, केंद्र सरकार ने 10 दिसंबर को संसद में यूरिया की कमी को लेकर सात सांसदों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब दिया. रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने यूरिया की देश में पर्याप्त मात्रा के सवाल पर कहा, देश में यूरिया की कोई कमी नहीं है. इस दौरान उन्होंने रबी फसल के लिए यूरिया की आवश्यकता, उपलब्धता और बिक्री की भी राज्यवार जानकारी दी. संसद में यूरिया और डाई अमोनियम फास्फेट (डीएपी)...
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नवीनतम एनएफएचएस डेटा: कुल प्रजनन दर में गिरावट की प्रवृत्ति के बीच केरल और तमिलनाडु अपवाद बनकर उभरे!
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण पांचवें दौर (एनएफएचएस-5) के दूसरे चरण के आंकड़े जारी होने के बाद, मीडिया टिप्पणीकारों और विशेषज्ञों ने लिखा है कि भारत के लिए कुल प्रजनन दर (टीएफआर) प्रतिस्थापन स्तर की प्रजनन क्षमता से नीचे चली गई है. साल 2015-16 में पूरे देश का कुल प्रजनन दर (टीएफआर) 2.2 थी, जो 2019-21 में घटकर 2.0 हो गई है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, प्रतिस्थापन स्तर की प्रजनन क्षमता तब...
More »भारत में डेल्टा सब वेरिएंट एवाई.4.2 के 18 मामलों की पुष्टि
-डाउन टू अर्थ, भारत में कोविड-19 के नए डेल्टा वेरिएंट एवाई.4.2 के 18 मामले सामने आ चुके हैं। यह जानकारी 10 दिसंबर को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में दी। लोकसभा में सदस्य कलानिधि वीरास्वामी ने पूछा था कि क्या सरकार को पता है कि भारत में कोविड-19 की तीसरी लहर के डर के बीच डेल्टा वेरिएंट एवाई.4.2 के नए मामले सामने आए हैं।...
More »एनएफएचएस-5 : भारत में अब भी पुरुषों से ज्यादा नहीं हैं महिलाएं , जानिए क्यों?
-डाउन टू अर्थ, पांचवे चरण के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) के मुताबिक भारत में प्रति 1000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 1020 पहुंच गई है। ऐसा उत्साहजनक आंकड़ा अब तक के सभी पुराने चार एनएफएचएस ( 1992 से 2016 तक) रिपोर्ट में कभी नहीं दर्ज किया गया। इसके बावजूद यह उत्साह का विषय नहीं है क्योंकि लिंगानुपात के मुद्दे पर काम करने वाले एक्सपर्ट यह मानते हैं कि एनएफएचएस के...
More »भारत में कुपोषण का संकट और गहराया, देशभर में 33 लाख से अधिक बच्चे कुपोषित
-न्यूजलॉन्ड्री, कुपोषण भारत की गम्भीरतम समस्याओं में एक है फिर भी इस समस्या पर सबसे कम ध्यान दिया गया है. आज भारत में दुनिया के सबसे अधिक अविकसित (4.66 करोड़) और कमजोर (2.55 करोड़) बच्चे मौजूद हैं. इसकी वजह से देश पर बीमारियों का बोझ बहुत ज्यादा है, हालांकि राष्ट्रीय परिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के आंकड़े बताते है कि देश में कुपोषण की दर घटी है लेकिन न्यूनतम आमदनी वर्ग वाले परिवारों...
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