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कहां पहुंची यह मूक क्रांति!- कमल नयन चौबे

प्रसिद्ध राजनीतिशास्त्री क्रिस्टोफ जेफरलॉट ने अपने लेख ‘कास्ट एंड राइज ऑफ माजिर्नलाइज्ड ग्रुप्स' में राजनीतिक रूप से शक्तिशाली रही अभिजन जातियों के वर्चस्व को चुनौती देते हुए मध्यवर्ती जातियों के उभार को सत्ता के हस्तांतरण के तौर पर देखा है और इसे एक मूक क्रांति की संज्ञा दी है.   लेकिन क्या यह मूक क्रांति वास्तव में अपने लक्ष्यों को लेकर आगे बढ़ रही है? क्या जाति आधारित राजनीति में साधन यानी...

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जाति की नई राजनीति- बद्रीनारायण

जनतंत्र सत्ता एवं सामाजिक संरचना के पिरामिड में उथल-पुथल मचाता रहता है। कई बार कई समाजों में जो सामाजिक समूह नीचे रहे हैं, उन्हें वह ऊपर, और जो ऊपर रहे हैं उन्हें वह नीचे ला देता है। लेकिन खासकर ‘भारतीय जनतंत्र' से सामाजिक पिरामिड के ‘ऊपर' और ‘नीचे' को समाप्त कर समानता लाने की अपेक्षा अब भी दूर की कौड़ी ही है। भारतीय समाज एवं राजसत्ता के शीर्ष पर ब्राह्मण और...

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‘90 फीसदी महिलाएं अपनी गुलामी का जश्न मनाती हैं’

स्त्री मुक्ति और आदिवासी संघर्ष का जिक्र करें तो रमणिका गुप्ता का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है. अपने लंबे संघर्षमय जीवन के विभिन्न पड़ावों एवं एक लेखिका-सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में दोहरे जीवन की चुनौतियों के बारे में उनकी पूजा सिंह से बातचीत. आप सक्रिय राजनीति में रहीं. तीन दशक पहले चुनाव भी जीतीं. आज देश के कई बड़े राज्यों में महिला मुख्यमंत्री हैं. केंद्र में भी सबसे प्रभावी...

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लोकायुक्त को आरटीआई के दायरे से बाहर किया अखिलेश सरकार ने

लखनऊ (भाषा)। उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार ने लोकायुक्त को सूचना के अधिकार :आरटीआई: के दायरे से बाहर कर दिया है। सरकार ने यह जानकारी पिछले दिनों एक आरटीआई अर्जी पर राज्य सूचना आयोग के समक्ष दी है। लोकायुक्त के जनसूचना अधिकारी अरविन्द कुमार सिंघल ने गत शुक्रवार को मुरादाबाद के आरटीआई कार्यकर्ता सलीम बेग की अर्जी पर राज्य सूचना आयोग में पेशी के दौरान दी गयी लिखित जानकारी में...

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समझदारी का मोतियाबिंद

जनसत्ता 4 फरवरी, 2013: गार्गा चटर्जी इस घड़ी आशीष नंदी होना आफत को गले लगाना है। तकनीक के इस ताबड़तोड़ दौर में जहां बोले गए शब्द ध्वनि की रफ्तार को पछाड़ रहे हों, उनका अर्थ पीछे छूटता जा रहा, तो यह देख कर जरा भी अचरज नहीं होता कि साहित्य के एक समारोह में आशीष नंदी के ‘जातिसूचक’ शब्दों को कुछ विवाद प्रेमी लोग लपक लें। असल में सांप्रदायिकता के छद्म विरोध...

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