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विरोध में बार-बार बचकाने तर्क - एनके सिंह

डिजिटल भुगतान पर सरकार के जोर देने के खिलाफ कांग्रेस नेता व पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम का कहना है कि सरकार का यह जानना कि कोई युवती कौन-सा अधोवस्त्र (अमेरिका व यूरोप और भारत के अभिजात्य वर्ग में इसे 'लॉन्जरी कहते हैं) खरीदती है, या कोई पुरुष कौन-सी दारू पीता है, उनके मौलिक अधिकारों का हनन है। बोफोर्स घोटाले के दौरान विश्वनाथ प्रताप सिंह ने वाराणसी की एक जनसभा...

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सुधार की दिशा में सख्ती से बढ़ें कदम - डॉ. एके वर्मा

देश के पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में फरवरी-मार्च में विधानसभा के चुनाव होने हैं। निर्वाचन आयोग की ओर से इन राज्यों के चुनावों की तिथियों की घोषणा कभी भी हो सकती है। जब भी चुनाव आते हैं, निर्वाचन आयोग का सारा ध्यान नए मतदाता बनाने व चुनावों को सफलतापूर्वक संपन्न् कराने में लग जाता है, किंतु जो असली मुद्दा है कि चुनावों में अच्छे लोग...

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एजेंसियों ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, एसआईटी को कालेधन पर पांच जांच रिपोर्ट सौंपी

उच्चतम न्यायालय को बताया गया कि पनामा दस्तावेज लीक में कथित तौर पर विदेशों में बैंक खाते रखने वाले जिन भारतीयों के नाम सामने आए थे उनसे संबंधित पांच जांच रिपोर्ट विशेष जांच दल (एसआईटी) के समक्ष पेश की जा चुकी हैं। ये रिपोर्टें सीबीडीटी, रिजर्व बैंक, वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) और प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों को मिलाकर बनाई गई बहु-एजेंसी समूह (मैग) ने तैयार की हैं। उच्चतम न्यायालय के...

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राजद्रोह के मामले बिहार और झारखंड में सबसे ज्यादा-- एनसीआरबी की नई रिपोर्ट

  अलगाववादी रुझान वाले पूर्वोत्तर या जम्मू-कश्मीर में नहीं बल्कि बिहार और झारखंड में राजद्रोह की सबसे ज्यादा घटनाएं प्रकाश में आयी हैं. नेशनल क्राईम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) विगत दो वर्षों से राजद्रोह के मामलों के बारे में आंकड़े प्रकाशित कर रहा है और ये आंकड़े बताते हैं कि अन्य राज्यों की तुलना में 2015 में राजद्रोह के सर्वाधिक घटनाएं बिहार में प्रकाश में आईं जबकि झारखंड 2014 में राजद्रोह की घटनाओं...

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सबको समय पर न्याय देने के लिए-- के सी त्यागी

विधि मंत्रालय ने जजों की संख्या के जो आंकड़े जारी किए हैं, वे चौंकाने वाले हैं। इसके अनुसार, देश में प्रति 10 लाख की आबादी पर न्यायाधीशों की संख्या मात्र 18 है, जबकि यह 50 होनी चाहिए। जजों की आनुपातिक संख्या में कमी कोई अचानक उत्पन्न हुई समस्या नहीं है। समय-समय पर सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश द्वारा सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित किया जाता रहा है, परंतु ठोस...

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