नयी दिल्ली, 6 अप्रैल (एजेंसियां) downloadसुप्रीम कोर्ट ने देश में सूखे की स्थिति को लेकर केंद्र सरकार को आज आड़े हाथों लिया। न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर और न्यायमूर्ति एन वी रमण की पीठ ने एनजीओ ‘स्वराज अभियान' की याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि देश के 9 राज्य सूखे से प्रभावित हैं और केंद्र सरकार इस पर अपनी आंखें बंद नहीं रख सकती। पीठ ने इससे निपटने के...
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पहली बार किसी सरकार ने गांव के किसानों पर पूरा ध्यान दिया है- लार्ड मेघनाद देसाई
यह आम बजट आम आदमी का बजट है. बहुत ही अच्छा बजट है. सरकार ने इस बजट में गांव में रहनेवाले आम आदमी को राहत पहुंचाने का काम किया है. अब तक होता यह रहा है कि फायदा तो आम आदमी को जरूर पहुंंचता था, लेकिन उसका ज्यादातर लाभ शहरी आम आदमी उठा ले जाते थे. लेकिन, इस बार सरकार ने इस पर खास ध्यान रखा है. सरकार ने कृषि...
More »छोटे आयकरदाताओं की बजट से अपेक्षाएं- जयंतीलाल भंडारी
इन दिनों देश भर के नौकरीपेशा और छोटे आयकरदाता वित्त मंत्री अरुण जेटली से वर्ष 2016-17 के बजट में आयकर राहत की अपेक्षा कर रहे हैं। वस्तुत: इस समय व्यक्तिगत आयकर छूट का दायरा एक तो आयकरदाताओं को महंगाई से राहत देने के लिए बढ़ाया जाना चाहिए, और दूसरे, आयकरदाताओं की क्रयशक्ति बढ़ाकर मांग में वृद्धि करने के लिए। अभी देश में आयकरदाताओं की संख्या करीब साढ़े तीन करोड़ है,...
More »आधी अधूरी खाद्य व्यवस्था-- जाहिद खान
तत्कालीन यूपीए सरकार जब साल 2013 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक लेकर आई, तो यह उम्मीद बंधी थी कि इस विधेयक के अमल में आ -जाने के बाद देश की 63.5 फीसद आबादी को कानूनी तौर पर तय सस्ती दर से अनाज का हक हासिल हो जाएगा। अफसोस, इस कानून को बने तीन साल हो गए, मगर यह आज भी पूरे देश में अमल में नहीं आ पाया है। नौ...
More »किसानों के लिए लाएं अच्छे दिन- ज्योतिरादित्य सिधिया
हमारे देश की नींव दो लोगों के कंधे पर खड़ी है, इनमें प्रथम जवान हैं दूसरे किसान हैं। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने नारा दिया था- जय जवान, जय किसान। वर्तमान सरकार के पिछले 18 महीने के कार्यकाल में कृषि के क्षेत्र को बहुत ही बेरहमी से कुचला गया है। कृषि भारतीय अर्थव्यस्था की रीढ़ है। न केवल जीडीपी में इसका 16 प्रतिशत का योगदान है, बल्कि लगभग 50...
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