SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 92

आईएसी और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प, कई घायल

कानपुर। फर्रुखाबाद में केजरीवाल की रैली के पहले इंडिया अगेंस्ट करप्शन और कांग्रेसी कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। खबर आ रही है कि झड़प में कई लोग घायल हुए हैं। यहां मौजूद कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में केजरीवाल का विरोध किया। इससे पहले फर्रुखाबाद जाते वक्त इंडिया अगेंस्ट करप्शन के वरिष्ट सदस्य अरविंद केजरीवाल का जिले में कई जगह जोरदार स्वागत हुआ। वहीं कन्नौज में केजरीवाल के काफिले को काले झडे दिखाने पहुंचे...

More »

RIL के अधिकारियों से मिलने को CAG का इनकार

नई दिल्ली।। भारत के कॉम्प्ट्रोलर और ऑडिटर जनरल ने बुधवार को रिलायंस के प्रतिनिधियों से मिलने को इनकार कर दिया। उनका कहना था कि पेट्रोलियम मिनिस्ट्री द्वारा तैयार किया गया मीटिंग का अजेंडा प्राइवेट सेक्टर की इस बड़ी कंपनी के हितों को ध्यान में रखकर बनाया गया था। आरआईएल पर जांच का जोर देने वाले फेडरल ऑडिटर ने कहा, उन्हें रिलायंस द्वारा आदेश मिलना हरगिज़ बर्दाश्त नहीं होगा। इससे पहले उन्होंने आरआईएल...

More »

मुकेश अंबानी पर केजरीवाल के मुख्य आरोप

नई दिल्ली: इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को केजी डी-6 बेसिन पर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अम्बानी के साथ साठगांठ का आरोप लगाते हुए कहा कि लगता है देश को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नहीं बल्कि मुकेश अम्बानी चला रहे हैं। आईए एक नजर डालते हैं मुकेश अंबानी पर लगाए केजरीवाल के मुख्य आरोपों पर। आरोप नंबर 1-...

More »

खुदरा कारोबार के मिथक- सुभाष गताडे

जनसत्ता 4 अक्टुबर, 2012: भारत सरकार का दावा है कि खुदरा कारोबार में विदेशी पूंजीनिवेश की राह खोलने से छह सौ अरब डॉलर तक पूंजी यहां पहुंचेगी। दूसरी तरफ के आलोचक इस तरह का अनुमान पेश कर रहे हैं कि वालमार्ट और उस जैसीकंपनियों के आने से कितने लाख लोग बेरोजगार होंगे, आदि। लगता है दोनों पक्षों की तरफ से छवि की लड़ाई चल रही है। कुल खुदरा कारोबार में आज...

More »

सिंगरौली में संघर्ष जारी है- पुण्य प्रसून वाजपेयी

जनसत्ता 25 मई, 2012: यह रास्ता जंगल की तरफ जाता जरूर है, लेकिन जंगल का मतलब वहां सिर्फ जानवरों का निवास नहीं होता। जानवर तो आपके आधुनिक शहर में हैं, जहां ताकत का अहसास होता है। जो ताकतवर है उसके सामने समूची व्यवस्था नतमस्तक है। लेकिन जंगल में तो ऐसा नहीं है। यहां जीने का अहसास है। सामूहिक संघर्ष है। एक दूसरे के मुश्किल हालात को समझने का संयम है। फिर न्याय से लेकर...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close