सरकार की ओर से विकास कार्यों की विभागीय जांच तो होती ही रहती है और इसकी सीमाएं भी अब स्पष्ट हो चुकी हैं। पर यदि विकास कार्यों की जांच और मूल्यांकन उस समुदाय की भागीदारी से की जाए, जिसके लिए ये कार्य किए जाते हैं, तो उसके कहीं बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। विशेषकर ग्रामीण विकास सुधारने के संदर्भ में तो सामाजिक अंकेक्षण के कुछ बहुत अच्छे उदाहरण, सरकारी व...
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भ्रष्टाचार के विरुद्ध तीन देवियां
वर्ष 2008 में पूरे देश भर की तरह मेघालय के जोंगक्षा गांव में भी नरेगा (अब मनरेगा) योजना लागू हुई. घपला-घोटाला भी साथा आया. नरेगा में काम करनेवालों को मजदूरी के रूप में 70 रुपये ही दिये जा रहे थे. इसके चलते नरेगा का स्थानीय भाषा में एक खास नाम पड़ गया, जिसका अर्थ होता है 70 टकिया. इस भ्रष्टाचार के खिलाफ़ कोंग फ़ातिमा मायनसोंग, कोंग एक्यूलाइन सोंनथीअंग और कोंग मतीलदा सुतिंग नामक...
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वर्ष 2008 में पूरे देश भर की तरह मेघालय के जोंगक्षा गांव में भी नरेगा (अब मनरेगा) योजना लागू हुई. घपला-घोटाला भी साथा आया. नरेगा में काम करनेवालों को मजदूरी के रूप में 70 रुपये ही दिये जा रहे थे. इसके चलते नरेगा का स्थानीय भाषा में एक खास नाम पड़ गया, जिसका अर्थ होता है 70 टकिया. इस भ्रष्टाचार के खिलाफ़ कोंग फ़ातिमा मायनसोंग, कोंग एक्यूलाइन सोंनथीअंग और कोंग मतीलदा सुतिंग नामक...
More »मौजूदा श्रमकानूनों की समीक्षा की जरूरत: मनमोहन
नई दिल्ली, 14 फरवरी (एजेंसी) प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि बाजार के मौजूदा नियामकीय ढांचे की समीक्षा की जरूरत है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं वह श्रम कल्याण में बिना किसी वास्तविक योगदान के विकास, रोजगार वृद्धि तथा उद्योगों की राह में आड़े तो नहीं आ रहा है। सिंह ने कहा, ‘‘ हालांकि हमारी सरकार अपने कर्मचारियोंं के हितों की रक्षा को लेकर प्रति प्रतिबद्ध...
More »मुश्किल है गरीबों की पहचान? : हर्ष मंदर
यदि आप किसी गांव में जाएं और ग्रामीणों से पूछें कि यहां रहने वाले लोगों में से कौन गरीब हैं, तो उनके लिए इस सवाल का जवाब देना कठिन नहीं होगा। शायद वे किसी दृष्टिहीन विधवा का नाम बताएं, या किसी बुजुर्ग दंपती की ओर इशारा करें, जो भीख मांगकर पेट भरते हैं, या कर्ज के बोझ तले दबे किन्हीं किसानों का उल्लेख करें। वे गरीबों की अपनी सूची में पिछड़ी जाति के...
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