-न्यूजलॉन्ड्री, 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्र सरकार के वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश करेंगी. तब तक आने वाले दिनों में मीडिया में ऐसे अनेक लेख होंगे जो वित्त मंत्री को बजट में क्या करना चाहिए, इस पर सलाह देते मिलेंगे. राजनेता, अर्थशास्त्री, विश्लेषक और पत्रकार सभी अपनी-अपनी समझ से महत्वपूर्ण कदम बताएंगे. इनमें से अनेक लेखों के साथ दिक्कत यह है कि लेखक बजट का मुख्य उद्देश्य भूलते...
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भारत में महिलाओं के घरेलू कामकाज का मेहनताना अगर होता तो कितना?
-बीबीसी, हाल में ही एक फ़िल्म स्टार की लॉन्च की गई राजनीतिक पार्टी ने वादा किया है कि अगर वह सत्ता में आती है तो घर-गृहस्थी संभाल रही महिलाओं को वेतन दिया जाएगा. एक क़द्दावर सांसद ने भी इस आइडिया का समर्थन किया है. उन्होंने कहा है कि गृहस्थी संभाल रही महिलाओं को उनकी सेवाओं के लिए पैसे देने से उनकी ताक़त और स्वायत्तता बढ़ेगी और इससे एक यूनिवर्सल बेसिक इनकम पैदा...
More »जलवायु परिवर्तन के अनुकूल रहने के लिए विकासशील देशों को हर साल चाहिए 5 लाख करोड़ रुपए
-डाउन टू अर्थ, जलवायु परिवर्तन के अनुकूल रहने के लिए विकासशील देशों को हर साल 512,138 करोड़ रुपए की जरुरत है। यदि जलवायु में बदलाव इसी तरह जारी रहता है तो यह जरुरत 2030 तक बढ़कर 21,94,875 करोड़ रुपए (30,000 करोड़ डॉलर) और 2050 तक 36,58,125 करोड़ रुपए (50,000 करोड़ डॉलर) पर पहुंच जाएगी। यह जानकारी हाल ही में संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी यूनेप अडॉप्टेशन गैप रिपोर्ट 2020 में सामने आई...
More »‘सरकार के नए कृषि बाज़ार में क्या बेचें, जब आवारा पशुओं से हमारी फसल बचती ही नहीं’
-द वायर, रात के करीब 10 बज चुके हैं, ऊपर आसमान में तारे एकदम साफ दिखाई दे रहे है, सनसनाती हवाएं चल रही है और आस-पास एकदम सन्नाटा पसरा हुआ है. इसी बीच गांव से करीब दो किलोमीटर दूर अपने खेत के एक कोने में फूलचंद ने कांपते हुए आग जलाई और गीली मिट्टी से सने अपने पैरों को गर्म करने लगे. कुछ देर पहले ही करीब 50 पशुओं का एक झुंड...
More »अर्थव्यवस्था में एतिहासिक गिरावट लेकिन कृषि में 3.4 फीसदी बढ़ोतरी, फिर भी किसान सड़क पर
-रूरल वॉइस, चालू वित्त वर्ष (2020-21) में देश के आर्थिक मोर्चे पर इतिहास बन रहा है। आजादी के बाद पहली बार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7.7 फीसदी की सबसे अधिक गिरावट आई है। जो अभी तक की पांच बार की गिरावट में सबसे अधिक है। अर्थव्यवस्था में गिरावट के इन मौकों में पहली बार कृषि क्षेत्र के उत्पादन में वृद्धि दर्ज की गई है। आजादी के बाद अभी तक पांच...
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