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आर्थिक सुधारों के 25 वर्ष-- डा.भरत झुनझुनवाला

पच्चीस वर्ष पूर्व इन्हीं दिनों वित्त मंत्री मनमोहन सिंह द्वारा बजट प्रस्तुत कर आर्थिक सुधारों को प्रारंभ किया गया था. इन सुधारों का एक प्रमुख आयाम दुनिया के देशों के बीच खुला व्यापार था. 1995 में हमने डब्ल्यूटीओ संधि पर हस्ताक्षर किये थे.  इस संधि के अंर्तगत हमने स्वीकार किया था कि निर्धारित सीमा से अधिक आयात कर आरोपित नहीं किये जायेंगे. इससे विश्व व्यापार को गति मिली. लेकिन कई...

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बिहार व झारखंड के हजारों श्रमिकों ने कश्मीर घाटी छोड़ी

श्रीनगर : कश्मीर में जारी अशांति और कर्फ्यू के चलते आव-अवाम तो परेशान हैं ही, काम के अवसरों की कमी होने से हजारों की संख्या में दूसरे प्रांतों से आये श्रमिकों को देश के अन्य हिस्सों में रोजी-रोटी तलाशने के लिए घाटी छोड़ने को बाध्य होना पड़ा है. बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश से काम की तलाश में घाटी आये श्रमिक वापस लौट रहे हैं. दिन ढलने के...

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कब मिटेगा बाल श्रम का कलंक-- बुद्धप्रकाश

भारतीय संविधान के अनेक प्रावधानों व अधिनियमों में बच्चों की सुरक्षा की खातिर व्यवस्थाएं की गई हैं। समय-समय पर इस उद््देश्य से नए कानून भी बनाए जाते रहे हैं। इस सब के बावजूद बाल श्रम की समस्या में उत्तरोत्तर वृद्धि होती गई है। बच्चों को भावी कर्णधार और आने वाले कल की तस्वीर कहा जाता है। लेकिन कल के उज्ज्वल भविष्य का वर्तमान पेट की आग बुझाने में इस कदर...

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जरूरी है जूट को सरकारी संरक्षण-- पंकज चतुर्वेदी

सीएसीपी यानी कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की ताजा सिफारिशें जूट के किसानों के लिए आफत बन सकती हैं। आयोग का कहना है कि चीनी मिलों में शत-प्रतिशत जूट के बोरे के इस्तेमाल की मौजूदा नीति को बंद कर दिया जाए तथा खाद्य पदार्थों में नब्बे फीसद जूट की अनिवार्यता को पचहत्तर फीसद किया जाए। अगर ऐसा हुआ तो बंगाल का जूट किसान भूखों मर जाएगा।   यही नहीं, जूट कारखानों व...

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मजदूर होने का मतलब- डा अनुज लुगुन

अभी कुछ दिन पहले ही कोलकाता में ओवरब्रिज के गिरने से 22 लोगों के मरने की खबर आयी थी. मरनेवालों में ज्यादातर मजदूर थे. इनमें से एक उत्तर प्रदेश निवासी शंकर पासवान भी था, जो मोटिया का काम करता था. वह होली में अपने घर इसलिए नहीं गया, ताकि वह कुछ दिन और काम करके बेटी की शादी के लिए कुछ पैसे जमा कर सके. यह हमारे देश के मजदूरों...

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