किसी कारोबारी द्वारा बैंकों का कर्ज चुकता न किये जाने से न सिर्फ बैंकों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था भी कमजोर होती है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के नुकसान की भरपाई अंततः सरकारी खजाने से करनी पड़ती है. यह खजाना देश की सामूहिक आय, नागरिकों द्वारा दिये गये कर और बचत की राशि से बनता है. इसका मतलब यह है कि...
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गरीबों की कुर्की, अमीरों को ढील क्यों
बड़े कर्जदारों के मुद्दे पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को कड़ी फटकार लगाई। शीर्ष अदालत ने कहा कि अमीर लोग करोड़ों का कर्ज लेकर खुद को दिवालिया घोषित कर देते हैं , लेकिन बैंक उन पर कार्रवाई नहीं करते। वहीं,गरीब किसान अगर मामूली सा कर्ज न चुकाए तो उसकी संपत्ति जब्त कर ली जाती है। आरबीआई क्या कर रहा : मुख्य न्यायाधीश जस्टिस टीएस ठाकुर की...
More »पावरफुल डिफॉल्टर्स में शामिल हैं अंबानी के जीजा, अडानी के समधी, बिगबी के भाई
नई दिल्ली.मुकेश अंबानी के जीजा... गुजराती बिजनेसमैन गौतम अडानी के भाई विनोद के समधी... बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम के साले... अमिताभ के छोटे भाई अजिताभ बच्चन... मोदी सरकार में मंत्री... तो कोई पिछले 15 साल से बीजेपी की सहयोगी पार्टी का सांसद। यकीनन ये सभी सम्मानित नाम हैं। लेकिन ये सभी विलफुल डिफॉल्टर्स यानी पैसा चुकाने की हैसियत होने के बाद भी जानबूझकर न चुकाने वाले लोग भी...
More »हमारे धनकुबेर और टैक्स हेवन - मोहन गुरुस्वामी
हमारे देश के ऊंचे और रसूखदार लोगों का किया-धरा धीरे-धीरे अब सार्वजनिक जानकारी के दायरे में आता जा रहा है। पनामा पेपर्स का खुलासा इनमें सबसे ताजातरीन मामला है। इन खुलासों ने हड़कंप मचा दिया है कि भारत की कम से कम पांच सौ आलातरीन शख्सियतों की पनामा में फर्जी कंपनियां हैं, जिनका मकसद मनी लॉन्ड्रिंग या धन छिपाना था। इस खुलासे के बाद ज्यादा से ज्यादा यही कहा जा...
More »गुड इकोनॉमिक्स बनाम बैड पॉलिटिक्स - प्रदीप सिंह
अपने देश में लड़कियों/महिलाओं के लिए समस्याएं जन्म के पहले से ही शुरू हो जाती हैं। मां के पेट में जीवित रह गईं तो पैदा होते ही परिवार में कमतरी का एहसास कराया जाता है। हर मामले में उन्हें लड़कों के पीछे खड़ा होना पड़ता है। यह एक ऐसा संघर्ष है जो ताउम्र चलता है। इन सबसे बच भी जाएं तो चूल्हे के धुएं की आग से बचना कठिन है।...
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