मिड-डे मील से बच्चों की मौत ने न केवल देश की अंतरआत्मा को झकझोरा है, बल्कि बिहार में सुशासन व चमत्कारिक विकास की कमजोर नींव को भी उजागर किया है. पहले बगहा में 6 थारू आदिवासियों की पुलिस फायरिंग में मौत, फिर बोधगया आतंकी हमले के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने राजनीतिक जीवन में नौकरशाही के सहारे शासन चलाने के आरोप से बचने के लिए संभवत: सबसे कठिन हालात का...
More »SEARCH RESULT
चुटका परमाणु बिजलीघर के खिलाफ संघर्ष रंग लाया- बाबा मायाराम
मध्यप्रदेश का चुटकी जैसा दिखने वाला गांव चुटका, अब देश-दुनिया में मिसाल बन गया है। यहां के मामूली से दिखने वाले लोगों ने अपनी ताकत से सरकार को झुका दिया है। भारी जन दबाव को देखते हुए चुटका परमाणु बिजलीघर की पर्यावरण मंजूरी के लिए 24 मई को होने वाली जन सुनवाई को रद्द करना पड़ा। इसके लिए प्रशासन ने भारी खर्च करके सर्वसुविधायुक्त भव्य टेंट लगाया था लेकिन उसे उखाड़कर वापस ले जाना पड़ा। जन सुनवाई रद्द...
More »‘90 फीसदी महिलाएं अपनी गुलामी का जश्न मनाती हैं’
स्त्री मुक्ति और आदिवासी संघर्ष का जिक्र करें तो रमणिका गुप्ता का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है. अपने लंबे संघर्षमय जीवन के विभिन्न पड़ावों एवं एक लेखिका-सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में दोहरे जीवन की चुनौतियों के बारे में उनकी पूजा सिंह से बातचीत. आप सक्रिय राजनीति में रहीं. तीन दशक पहले चुनाव भी जीतीं. आज देश के कई बड़े राज्यों में महिला मुख्यमंत्री हैं. केंद्र में भी सबसे प्रभावी...
More »पुलिस का चेहरा- प्रेमपाल शर्मा
जनसत्ता 18 जनवरी, 2013: स्त्री की हिफाजत, हैसियत, बराबरी के किसी मुद्दे पर इतना बड़ा तूफान भारतीय समाज में शायद पहले कभी न खड़ा हुआ हो। दिल्ली में ही लोग सड़कों पर नहीं उतरे, मणिपुर, जम्मू, चेन्नै से लेकर मुंबई, कोलकाता आदि शहरों में भी आक्रोश और पश्चाताप के अलग-अलग स्वर सुनने को मिले। हमारी सामाजिक गिरावट की विडंबना का एक नमूना यह भी रहा कि फिजा में फैली फांसी की मांग...
More »इस आंदोलन के निहितार्थ- आनंद प्रधान
जनसत्ता 3 जनवरी, 2012: दिल्ली की वह बहादुर लड़की शरीर और मन पर हुए प्राणांतक घावों के बावजूद जीना चाहती थी। देश के करोड़ों लोग भी यही चाहते थे। लेकिन वह लड़ते हुए एक शहीद की तरह चली गई। यह सही है कि वह भारतीय समाज में स्त्रियों के खिलाफ होने वाली बर्बर यौन हिंसा और भेदभाव की पहली शहीद नहीं है और न आखिरी। उसके जाने के बाद भी दिल्ली,...
More »