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महामारी के दौर में बहुआयामी गरीबी के चक्र में फंसे लोग, 3 से 10 साल तक पिछड़ सकते हैं विकासशील देश!

बहुआयामी गरीबी मौद्रिक यानी पैसे आधारित गरीबी नहीं है बल्कि यह गैर-मौद्रिक आधारित गरीबी है, जो सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने की चुनौतियों से दृढ़ता से जुड़ी है. हालाँकि पहले गरीबी को केवल मौद्रिक यानी धन आधारित गरीबी के संदर्भ में ही परिभाषित किया गया था, लेकिन अब गरीबी को लोगों के अनुभवों की जीवंत वास्तविकता और उनके द्वारा भोगे जाने वाले अनेकों अभावों से जोड़कर देखा जाता...

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वायनाड के आदिवासी छात्रों ने शिक्षा में संस्थागत भेदभाव के खिलाफ उठाई आवाज

-कारवां, केरल का आदिवासी समुदाय हमेशा से ही माध्यमिक और उच्च शिक्षा के मामले में बड़े नुकसान में रहा है और कोविड-19 महामारी के समय में आदिवासी छात्रों के सामने आने वाली मुश्किलें बढ़ गई हैं. केरल में स्कूलों और कॉलेजों ने डिजिटल क्लास लेनी शुरू की है लेकिन अक्सर आदिवासी और दलित छात्रों के लिए इस रूप में पढ़ाई कर सकना लगभग असंभव है. समाज के हाशिए पर रहने वाले...

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सरकार ने शिक्षक दिवस पर केंद्रीय विद्यालय के नाबालिग़ बच्चों से कराया ट्वीट!

-मीडियाविजिल, शिक्षक दिवस पर ट्विटर पर #ourteachersourhero के पीछे सरकार की योजना काम कर रही थी। इसके तहत केंद्रीय विद्यालय के लाखों छात्रों को ट्विटर पर ट्रैंड कराने का लक्ष्य दिया गया था। ख़ास बात यह है कि फे़सबुक या ट्विटर पर 13 साल से कम उम्र के बच्चों के अकाउंट खोलने पर रोक है, लेकिन छोटी कक्षाओं के बच्चों के भी पोस्ट इस हैशटैग के साथ देखे गये। आरोप लग...

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उत्तराखंड: बिगड़ते मौसम, स्मार्टफोन की कमी और खराब इंटरनेट से पहाड़ के बच्चे नहीं कर पा रहे पढ़ाई

-गांव कनेक्शन, उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से 175 किलोमीटर दूर टिहरी गढ़वाल जिले के प्रतापनगर ब्लॉक के सरकारी प्राथमिक स्कूलों और जूनियर हाई स्कूलों में लगभग 6500 छात्र प्रारंभिक शिक्षा ले रहे हैं। कोरोना महामारी के दौर में देशभर के स्कूल ऑनलाइन शिफ्ट हो गए हैं। लेकिन, हिमालयी राज्य के इस ब्लॉक में केवल 38 प्रतिशत छात्र ही ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त कर पा रहे हैं, जबकि 60 प्रतिशत से अधिक छात्र...

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“टेक्नोलॉजी ने गांव-शहर की खाई पाट दी”

-आउटलुक, “सोनीपत के गन्नोर तहसील के गांव तेवड़ी के किसान परिवार में 1991 में जन्मे 29 वर्षीय प्रदीप को उम्मीद नहीं थी कि इस परीक्षा में पहला स्थान पाएंगे” चार अगस्त की सुबह संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सिविल सेवा परीक्षा-2019, के नतीजे का दिन आया, तो प्रदीप सिंह मलिक के पिता सुखबीर सिंह मलिक हर रोज की तरह खेत में थे। प्रदीप ने उन्हें फोन कर नतीजे के बारे में बताया...

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