SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 110

बेकार की आरटीआई से हलकान दिल्‍ली पुलिस

नई दिल्‍ली। दिल्‍ली में कितनी बैलगाडि़यां हैं? कितने हरे पेड़ हैं और कितने पेड़ सूख चुके हैं? दिल्‍ली पुलिस के जवानों ने कितने कप चाय पी है? ये बानगी है उन कुछ बेकार और बेतुके सवालों की, जो सूचना के अधिकार कानून यानी आरटीआई का दुरुपयोग करते हुए दिल्‍ली पुलिस से पूछे गए हैं। वर्ष 2005 में स्‍थापित की गई दिल्‍ली पुलिस की आरटीआई सेल को पिछले पांच वर्षों में एक...

More »

आठवीं की अंग्रेजी में 53 और हिंदी में 32 फीसदी छात्र फेल - अनिल ठाकुर

शिमला । राज्य सरकार शिक्षा में गुणवत्ता के दावे कर रही है, हकीकत इस से कोसों दूर है। सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे आठवीं कक्षा के छात्रों के अंग्रेजी में बुरे हाल हैं, तो मातृ भाषा हिंदी में भी फिसड्डी है। सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) द्वारा करवाए गए एंड लाइन सर्वे की रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। आठवीं के बच्चे अंग्रेजी में 53 फीसदी फेल (ई ग्रेड)...

More »

बच्चों की पहली भाषा होगी मातृभाषा

आसनसोल: स्कूलों में नामांकन के समय बच्चों से उनकी मातृभाषा की जानकारी ली जायेगी. बच्चे किस मातृभाषा से जुड़े हैं, इसकी जानकारी नामांकन के समय नामांकन फार्म के माध्यम से ली जायेगी.   स्कूल में नामांकन के समय किसी भी बच्चे की पहली भाषा उसकी मातृभाषा होगी. दूसरी भाषा हिंदी और तीसरी भाषा के रूप में इंगलिश लिया जायेगा. सीबीएसइ ने यह निर्णय कमीशन फॉर लिंग्विस्टिक माइनॉरिटी (सीएलएम) की 50वीं रिपोर्ट के...

More »

‘हिंदी प्रदेश’ की पहचान के मायने- शैबाल गुप्ता

शैबाल गुप्ता जाने-माने अर्थशास्त्री और एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट (आद्री) के सदस्य सचिव हैं. पिछले दिनों इलाहाबाद स्थित गोविंद बल्लभ पंत सोशल साइंस इंस्टीट्यूट ने उन्हें 29वें ‘गोविंद बल्लभ पंत मेमोरियल लेक्चर' में व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया था. इस अवसर पर बोलने के लिए उन्होंने जो विषय चुना, उसका शीर्षक था- ‘आइडिया ऑफ द हिंदी हार्टलैंड'. हिंदी में इसे ‘हिंदी प्रदेश की धारणा' कहा जा सकता है. इस...

More »

शिक्षा को नवोन्मेषी बनाने की चुनौती- गिरीश्वर मिश्र

आधुनिक भारत में विश्वविद्यालय स्तर पर शिक्षा का आरंभ हुए एक शताब्दी से अधिक का समय बीत चुका है। स्वतंत्रता मिलने के बाद इसे प्रोत्साहन मिला और धीरे-धीरे सरकार द्वारा विश्वविद्यालय, कॉलेज और विभिन्न प्रकार के ‘प्रोफेशनल' शिक्षा देने वाले तकनीकी, मेडिकल और प्रबंधन के संस्थान खुलते चले गए। शुरू में ब्रिटेन और बाद में अमेरिका से उधार लिए गए एक बंधे-बधाए सांचे में शिक्षा का विस्तार होता गया। उधारी...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close