पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत, सहारनपुर और मुजफ्फरनगर इलाकों की एक जमीनी तहकीकात के दौरान तहलका की टीम क्षेत्र के कुल सात गांवों में घूमी. इस दौरान हमने कई बच्चों को देखा जो खेतों या घरों में काम कर रहे थे, स्थानीय नहीं थे और जिनसे बात करना बेहद चुनौती भरा था. हम बागपत के इब्राहिमपुर माजरा गांव के प्रधान शाकिंदर सिंह के घर पर हैं. कोठीनुमा घर में दाखिल होते...
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यौन हिंसा की जड़ें- रुचिरा गुप्ता
जनसत्ता 4 सितंबर, 2013 : कुछ दिन पहले जब मैंने मुंबई में एक तेईस वर्षीय फोटो पत्रकार के साथ बलात्कार की घटना के बारे में पढ़ा, तो कुछ पुरानी घटनाएं सामने घूमने लगीं। यानी फिर से वही सब! करीब उनतीस साल की उम्र में छह दिसंबर, 1992 को जब मैं एक रिपोर्टर की हैसियत से उत्तर प्रदेश में बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना की खबर जुटा रही थी तो मुझ...
More »खाद्य या यूपीए-सुरक्षा बिल!- प्रमोद जोशी
जिस विधेयक को लेकर राजनीति में ज्वालामुखी फूट रहे थे, वह खुशबू के झोंके सा निकल गया. पक्षियों-विपक्षियों में उसे गले लगाने की ऐसी होड़ लगी, जैसे अपना बच्चा हो. आलोचना भी की तो जुबान दबा कर. यों भी उसे पास होना था, पर जिस अंदाज में हुआ उससे कांग्रेस का दिल खुश हुआ होगा. जब संसद के मॉनसून सत्र के पहले सरकार अध्यादेश लायी तो वृंदा करात ने कहा था,...
More »लोहा नहीं अनाज चाहिए- विनोद कुमार
जनसत्ता 20 अगस्त, 2013 : झारखंड बनने के बाद प्रभु वर्ग ने इस बात को काफी जोर-शोर से प्रचारित-प्रसारित किया है कि झारखंड का विकास और झारखंडी जनता का कल्याण उद्योगों से ही हो सकता है और खनिज संपदा से भरपूर झारखंड में इसकी अपार संभावनाएं हैं। यह प्रचार कुछ इस अंदाज में किया जाता है मानो झारखंड में पहली बार औद्योगीकरण होने जा रहा है। हकीकत यह है कि...
More »प्याज अभी और रुलायेगा
कोलकाता: राज्य सरकार ने सब्जियों की कीमत नियंत्रित करने के लिए विशेष टास्क फोर्स का गठन किया है, लेकिन यह टास्क फोर्स वास्तव में कितना कारगर सिद्ध हुआ है, इसका नजारा बाजार में जाने से ही चल जाता है. सब्जियों की कीमत जिस प्रकार से बढ़ रही है, वैसे में अब आम जनता सूखी रोटी व सूखा चावल खाने के लिए मजबूर है. सब्जियों में जब तक प्याज का जायका ना...
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