नई दिल्ली। स्वस्थ भारत और समृद्ध भारत के लिए स्वस्थ बच्चों का होना जरूरी है। लेकिन एक चौंकाने वाली रिपोर्ट के मुताबिक नवजात बच्चे दिल की बीमारियों की चपेट में तेजी से आ रहे हैं। सवाल ये है कि गर्भ में पल रहे बेजुबान मासूम आखिर इस समस्या से क्यों दो चार हो रहे हैं। इसका जवाब सीधा और सपाट है गर्भ मेें पल रहे बच्चों के पेट में फैट...
More »SEARCH RESULT
राजनीतिक पार्टियों में आंतरिक लोकतंत्र और वित्तीय पारदर्शिता बेहद जरूरी - जगदीप छोकर
चुनाव आते ही राजनीतिक पार्टियों द्वारा मतदाताओं को लुभाने की कोशिशें तेज हो जाती हैं. कोई पैसे बांट कर लुभाता है, कोई शराब बांट कर लुभाता है, तो कोई उपहार बांट कर. करोड़ों रुपये पकड़े जाते हैं. हजारों बोतल शराब पकड़ी जाती है. जाहिर है, जिन पैसों से यह सब होता है, वह पैसा सही तो नहीं ही होगा. जो पैसा सही नहीं है, वह कालाधन की श्रेणी में अपने...
More »मध्यप्रदेश का हर 100 में से एक व्यक्ति हेपेटाइटिस बी की चपेट में - शशिकांत तिवारी
प्रदेश में हर सौ में से एक व्यक्ति हेपेटाइटिस बी जैसी जानेलेवा बीमारी की चपेट में है। लेकिन, 90 फीसदी से ज्यादा लोगों को इसका पता ही नहीं है। हर साल प्रदेश में करीब 2800 लोग इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। यह खुलासा मप्र एड्स कंट्रोल सोसायटी की रिपोर्ट में हुआ है। अप्रैल 2015 से मार्च 2016 के बीच 2 लाख 80 हजार लोगों की जांच में...
More »ताकि बैंकों की साख कायम रहे- एन के सिंह
हेनरी पॉलसन के मुताबिक, 'अगर कोई आर्थिक-तंत्र बिखरता है, तो फिर उसे पटरी पर लाना वाकई बहुत-बहुत मुश्किल हो जाता है।' भारत का वित्तीय क्षेत्र अभी गंभीर संकट में उलझा हुआ है। और यह संकट मुख्यत: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों, यानी एनपीए के कारण पैदा हुआ है। 31 दिसंबर, 2015 तक 24 सूचीबद्ध सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कुल एनपीए 3,93,035 करोड़ रुपये था। अगर इसमें जोखिम वाले...
More »सिर उठाते दिख रहे हैं दो संकट - राजीव सचान
सहज मार्ग से नाम से प्रचलित आध्यात्मिक संस्था श्रीरामचंद्र मिशन के संस्थापक एवं अध्यक्ष रामचंद्र ने 1966 में प्रकाशित अपनी पुस्तक रियल्टी एट डॉन में भारत के उत्थान और पश्चिम के पराभव का एक खाका खींचा है। उन्होंने लिखा है कि इस पराभव का एक कारण पश्चिम में धरती के गर्भ में सक्रिय होने वाले ऐसे ज्वालामुखी भी बनेंगे जो अभी सुप्त अवस्था में हैं। पता नहीं, वह सब कुछ...
More »