बरवाला. सौथा गांव के सरकारी स्कूल में छूआछूत का एक चिंताजनक मामला सामने आया है। गांव के राजकीय मिडिल स्कूल में तीन महीने से एक दलित महिला को बतौर कुक ज्वाइन नहीं करने दिया जा रहा। महिला का आरोप है कि मीड डे मील इंचार्ज बार-बार यह कहकर नियुक्ति पत्र नहीं दे रहा कि गांव का कोई बच्चा उसके हाथ से बना खाना नहीं खाएगा। उधर, इस व्यवहार से नाराज गांव दलित...
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मिड-डे मील मिला नहीं तो बच्चों ने खा लिए रतनजोत, 65 बेसुध
हिसार. एचएयू स्थित सरकारी प्राइमरी स्कूल के 65 विद्यार्थियों की बुधवार को जटरोफा के बीज खाने से तबीयत बिगड़ गई। कारण स्कूल में पिछले दो महीने से मिड डे मील न मिलना रहा। नाश्ते के बाद दोपहर तीन बजे तक भूखे रहे इन बच्चों ने स्कूल के साथ लगे पेड़ से जटरोफा के बीज खा लिए। किसी ने पांच तो किसी ने छह खाए। बच्चों के घर पहुंचते ही उल्टी और पेट...
More »गंदा है, पर धंधा है- विमलेश मिश्र
विमलेश मिश्र, जमशेदपुर : ये दूसरों की गंदगी साफ करते, मगर खुद नारकीय जीवन जी रहे हैं। गंदगी साफ करते-करते चर्म, टीबी व कुष्ठ जैसे असाध्य रोग इन्हें घेर लेते हैं। अनुसूचित जाति के हैं, मगर सुविधा कुछ को ही। पहले सफाई के लिए सरकार या कंपनी से नौकरी मिल जाती थी, अब ठेकेदार से मिलने वाली मजदूरी पर जीवन टिका है। संसद ने कानून बना सिर पर मैला ढोने...
More »आपके मन पर असर या बे असर?- योगेन्द्र यादव
अब आपने इन पंक्ितयों को पढ़ने की जहमत उठाई है तो एक तकलीफ़ और कीजिये. अपने घर या पड़ोस से दूसरी से पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों को बुलाइये. उनसे कहिये कि वे निम्नलिखित पैरा को पढ़ कर सुनाएं. यह पैरा दूसरी कक्षा की पाठय़पुस्तक से लिया गया है. ’मैं और मेरी बहन रीता छत पर खेल रहे थे. अचानक असमान में बादल गरजने लगे. बिजली कड़कने लगी. बारिश की...
More »कक्षा एक से आठ तक 91% स्कूलों में कंप्यूटर नहीं
रांची: झारखंड में प्राथमिक शिक्षा का क्या हाल है, इसे प्रथम नाम की संस्था ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट असर (एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट 2010) के जरिये पेश किया है. रिपोर्ट में कुछ सकारात्मक बातें हैं, तो कुछ नकारात्मक भी हैं. शिक्षा का अधिकार कानून 2009 के तहत सभी 6-14 आयु वर्ग के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा देनी है. राज्य के प्राथमिक स्कूलों में दाखिला तो बढ़ा है, साथ...
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