जीं हां दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका के लिए यह किसी झटके से कम नहीं है। अब जबकि पूरी दुनिया आर्थिक मंदी से लगभग उबर चुकी है वही अमेरिका में बैंकों के दिवालिया होने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। बैंकों की ये संख्या बीते साल दिवालिया होने वाले बैंकों की संख्या से भी ज्यादा है। साल 2009 में अमेरिका में 140 बैंक दिवालिया हुए थे। बीती...
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रांची में यूआईडी कार्ड 15 से बंटेंगे
रांची। रांची में यूनीक आईडेंटिफिकेशन (यूआईडी) कार्ड 15 नवंबर से बंटने शुरू हो जाएंगे। इसके बाद लोगों को अपनी पहचान के लिए अन्य आईडी रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यूआईडी से किसी भी व्यक्ति की संपूर्ण जानकारी मिल जाएगी। इससे सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना भी आसान होगा। पहले चरण में रातू में 485 और ओरमांझी में 650 लोगों के कार्ड बन चुके हैं। नामकुम प्रखंड में 31 अक्टूबर से कार्ड...
More »किसानों को बांटा 90,000 करोड़ रुपये का कर्ज
सरकार ने सोमवार को कहा कि बैंकों ने चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून की पहली तिमाही में 90,000 करोड़ रुपये का ऋण किसानों को वितरित किया है। सरकार ने वित्तवर्ष 2010-11 के लिए किसानों को 3,75,000 करोड़ रुपये का ऋण वितरित करने का लक्ष्य रखा है। एक सरकारी बयान में कहा गया है कि वित्तवर्ष 2010-11 में जून 2010 तक देश भर में किसानों को 89,687 करोड़ रुपये का कृषि ऋण...
More »आदिवासी सहकारी समितियों की बदलेगी सूरत
नई दिल्ली [जयप्रकाश रंजन]। अगर सरकार की मंशा सफल हो गई तो किसानों व ग्रामीण इलाकों में कर्ज देने वाली प्राथमिक कृषि कर्ज समितियां और आदिवासी सहकारी समितियां शीघ्र ही मजबूत संस्थानों के तौर पर काम करने लगेंगी। केंद्र सरकार इन समितियों को सीमित आधार वाले मजबूत वित्तीय संस्थानों में तब्दील करने पर विचार कर रही है, ताकि दूर-दराज के इलाकों व बेहद पिछड़े वर्ग में तेजी से बैंकिंग सेवा...
More »राजनीतिक हकीकत के छह सूत्र --- योगेन्द्र यादव
तो बिहार में क्या होगा? अगर आप छह दिन बिहार में घूम कर आयें तो दिल्ली में हर कोई इसी सवाल से आपका स्वागत करता है. सवाल के पीछे चुनावी सटोरिये की गिद्ध दृष्टि या फ़िर राजनीति के कीड़े की उत्सुकता तो होती ही है. लेकिन बिहार की बात निकलते ही कहीं एक औपनिवेशिक दर्प टपकने लगता है. आप कितना ही कह लीजिये कि राजनीतिक चेतना में बिहार अधिकांश देश से...
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