आजादी के बाद भारत में गरीबी रेखा तय करने की दिशा में उठाये गये विभिन्न कदमों की सूची में पिछले कुछ वर्षो के दौरान संचालित सामाजिक, आर्थिक व जाति सर्वेक्षण का महत्वपूर्ण स्थान है. इसमें पहली बार किसी परिवार की सामाजिक पहचान को तरजीह दी गयी है. देश में लंबे अरसे से ऐसी मान्यता रही है कि गरीबी की मार कुछ सामाजिक श्रेणियों को ज्यादा ङोलनी पड़ती है, जिनमें से...
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जनगणना जारी : 4 लाख परिवार कचरा बीनकर और 6.68 लाख परिवार भीख मांगकर करते हैं गुजारा
नयी दिल्ली : 4.08 लाख परिवार कचरा बीनकर और 6.68 लाख परिवार भीख मांगकर अपना घर चला रहे हैं. इस बात का पता चला कि सरकार की ओर से बाज जारी जनगणना रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है. देश के सिर्फ 4.6 प्रतिशत ग्रामीण परिवार आयकर देते हैं जबकि वेतनभोगी ग्रामीण परिवारों की संख्या 10 प्रतिशत है. यह बात आज पिछले आठ दशक में पहली बार जारी सामाजिक आर्थिक...
More »न्यूनतम सरकार अधिकतम शोषण- के सी त्यागी
श्रमिकों के शोषण का लंबा इतिहास रहा है। इसके विरुद्ध श्रमिकों ने समय-समय पर आवाज उठाई। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर श्रम कानून बने। मजदूर संगठित हुए, उन्हें अधिकार मिले, स्वतंत्रता मिली, सामाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़ा। इसका असर हमने भारत में भी देखा। लेकिन नई औद्योगिक नीति और उदारीकरण का दौर परवान चढ़ने के साथ ही श्रमिक फिर शोषण का शिकार हुए। उनका सामाजिक दायरा घटा, अधिकार सिकुड़ते चले गए। इसी...
More »देश में ग्रामीण और शहरी इलाकों में 24.39 करोड़ परिवार
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शनिवार को देश के सामाजिक और आर्थिक आधार पर की गई जनगणना के आंकड़े जारी किए। वित्त मंत्री अरुण जेटली व ग्रामीण विकास राज्य मंत्री ने सामाजिक-आर्थिक जनगणना के आंकड़े पेश किए। हालांकि, सरकार ने जातिगत आधार पर की गई जनगणना के आंकड़े जारी नहीं किए। इस दौरान वित्तमंत्री हुए अरुण जेटली ने दावा किया कि यह एक शानदार दस्तावेज होगा। इससे भारत की हकीकत पता...
More »भारत का 8 से 10 फीसदी वृद्धि का लक्ष्य, मौजूदा वृद्धि संतोषजनक नहीं : अरुण जेटली
नयी दिल्ली : देश में गरीबी दूर करने के लिए सालाना 8-10 फीसदी की उच्च आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने की जरुरत पर बल देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि देश मौजूदा दर से अब संतुष्ट नहीं है. जेटली ने यहां डिजिटल इंडिया सप्ताह की शुरुआत के मौके पर कहा, 'भारत अब 6 से 8 प्रतिशत की वृद्धि दर से संतुष्ट नहीं है. अब वह वृद्धि...
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