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भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अब निर्मला सीतारमण की जरूरत नहीं, मोदी को जयशंकर की तरह लेटरल एंट्री का सहारा लेना चाहिए

-द प्रिंट, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अब जबकि लगातार गिरती अर्थव्यवस्था, अप्रैल-जून तिमाही में भारत की जीडीपी में 23.9 प्रतिशत की उल्लेखनीय गिरावट आई है— पर काबू पाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, उन्हें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से किसी और मिसहैंडलिंग की जरूरत नहीं है. मोदी को उनकी बनाई भुरभुरी जमीन से उबरना होगा और लेटरल एंट्री को अर्थव्यवस्था बचाने के लिए अपना मंत्र बनाना होगा....

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो किताब रिलीज़ की, उससे संघ परिवार को दिक़्क़त - प्रेस रिव्यू

द टेलिग्राफ़ अख़बार ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा है कि 'जिस किताब को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिलीज़ किया, संघ परिवार उस किताब पर प्रतिबंध लगवाना चाहता है.' रिपोर्ट के अनुसार, इस किताब के कुछ हिस्से 1921 के मालाबार विद्रोह के सबसे प्रमुख नेता वरियामकुन्नाथ कुंजाहम्मद हाजी पर आधारित है जिन्हें दक्षिणपंथी 'हिन्दू विरोधी' बताते हैं. अख़बार ने लिखा है कि केंद्र सरकार द्वारा प्रकाशित इस किताब से संघ परिवार को...

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पर्यावरण अधिसूचना का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करने से इसके मतलब बदल जाएंगे: केंद्र

-द वायर,  दिल्ली हाईकोर्ट में दायर पुनर्विचार याचिका में केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने विवादित पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) अधिसूचना-2020 के ड्राफ्ट को 22 भाषाओं में अनुवाद करने के अदालत के निर्देश का विरोध किया है. केंद्र सरकार की ओर से मंत्रालय ने दावा किया कि ऐसा करने के लिए किसी कानून की मंजूरी प्राप्त नहीं है और इसके चलते आगामी विधि निर्माण में भी मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी. केंद्र की ओर से कहा...

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केशवानंद भारती : वह धर्मगुरु जिसकी कोशिशों से भारत एक लोकतंत्र के रूप में बचा रह सका

-सत्याग्रह, केशवानंद भारती का निधन हो गया है. वे 79 वर्ष के थे. उन्होंने रविवार को केरल के कासरगोड जिले में स्थित अपने आश्रम में अंतिम सांस ली. केशवानंद भारती इस मठ के प्रमुख थे. बताया जा रहा है कि अगले हफ्ते उनके दिल का ऑपरेशन होना था लेकिन रविवार, सुबह अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें बचाया नहीं जा सका. देश के न्यायिक इतिहास में दिलचस्पी रखने वाला शायद ही...

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भारतीय अर्थव्यवस्था के-शेप्ड रिकवरी की तरफ बढ़ रही है, ऐसा होना भारत के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं होगा

-द प्रिंट, जैसे ही यह खबर आई कि दुनिया की सबसे तेज रफ्तार अर्थव्यवस्था आज दुनिया की सबसे तेजी से सिकुड़ रही अर्थव्यवस्था बन गई है, चारों तरफ से तरह-तरह की टिप्पणियां आने लगीं. इन टिप्पणियों में सबसे गौरतलब यह थी कि भारत की आर्थिक वृद्धि की क्षमता 6 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत की हो गई है. कुछ अरसे से यह स्पष्ट हो गया था कि भारत को कोविड-19 के...

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