नई दिल्ली. कच्चे तेल के ऊंचे दामों ने भारत के सब्सिडी बोझ को बढ़ाकर सकल घरेलू उत्पाद का 2.5 फीसदी कर दिया है। इस बार पेश बजट में सब्सिडी को 2 फीसदी के आसपास लाने का लक्ष्य है ताकि आर्थिक सुधार का पहिया तेजी से दौड़ सके। इसके अलावा सरकार ने अगले वित्त वर्ष में सरकारी कंपनियों में 300 अरब रुपये कीमत की हिस्सेदारी बेचने का भी फैसला किया है। पेट्रोलियम...
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रामबाण नहीं है नदी जोड़ योजना- अभिनव श्रीवास्तव
जनसत्ता 16 मार्च, 2012: उच्चतम न्यायालय द्वारा सरकार को नदियों के एकीकरण की योजना पर चरणबद्ध तरीके से अमल करने का निर्देश देने के बाद परिणामप्रिय विश्लेषक इस योजना से होने वाले लाभों को गिनवाने में लग गए हैं। नदियों के एकीकरण के इस प्रस्ताव पर उस तबके के बीच खासा उत्साह का माहौल है जो इसके जरिए अपने हितों को साधने और अपने आर्थिक विस्तार की संभावनाएं तलाश रहा है।...
More »इनकम टैक्स में छूट की सीमा बढ़ी,पढ़िए अभी तक बजट में क्या मिला आपको
संसद में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी अपना 7वां आम बजट पेश कर रहे हैं यह हैं अभी तक की घोषणाएं गोल्ड, डायमंड, प्लेटिनम, सिगरेट महंगा होगा।एलईडी, एलसीडी, माचिस सस्ते होंगे। एड्स, कैंसर की दवाएं सस्ती होंगी। कुछ सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाओं पर सर्विस टैक्स।रेस्टोरेंट में खाना, फोन बिल, मकान खरीदना भी हुआ महंगा। हवाई सफर, घूमने और पार्लर पर भी महंगाई की मार। बड़ी कारें दो फीसदी महंगी होंगी।मोबाइल, गहने के दाम नहीं...
More »बोतल में बंद पानी- राम प्रताप गुप्ता
इस व्यवसाय में उतरी कंपनियों का सरोकार लाभ तक ही सीमित पिछले दशकों में हमारे देश में जल दोहन की जो व्यवस्था अपनाई गई, उसके परिणामस्वरूप देश के अधिकांश भागों में भूजल भंडार अतिदोहन के शिकार से अपनी क्षमता खो रहे हैं। पानी की भारी मात्रा उलीचे जाने तथा बदले में उनमें नगरों-कसबों और उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषित और गंदा पानीमिलाए जाने से नदियों का पानी भी पीने के...
More »सत्ता में दलित- श्योराज सिंह बेचैन
Dalits pain मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में जब जातियों के आधार पर राजनीतिक गोलबंदी तेज हो गई है, सही मायने में कांशीराम ही अकेले ऐसे नेता थे जिन्होंने व्यवस्था बदलने के लिए जाति के समाप्त होने का इंतजार नहीं किया था। उन्होंने जातियों, उप-जातियों में सहअस्तित्व और आत्मसम्मान की भावना जगाकर उन्हें सत्ता में हिस्सेदारी की महत्वाकांक्षा के साथ संगठित किया। समकालीन राजनीति में उनके इस योगदान ने न केवल हाशिये पर...
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