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विकास में केंद्रीय सहायता जरूरी- सतीशचंद्र झा

राज्य का विकास कैसे हो, यह वहां की सरकार की प्रतिबद्धता से जुड़ा होता है. बिहार विकास के मामले में देश के अन्य राज्यों से पीछे है. लेकिन पिछले कुछ वर्षो से इसमें बदलाव आया है. बिहार और झारखंड को विकास के लिए विशेष दरजा दिया जाना चाहिए. बिहार सरकार की यह मांग जायज भी है, क्योंकि झारखंड अलग होने के बाद बिहार में संसाधन नहीं के बराबर रह गये. इसके...

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झारखंड में प्रतिदिन 50 नवजातों की मौत

रांची: यूनिसेफ झारखंड के प्रमुख जॉब जकारिया ने कहा है कि अभी राज्य में प्रतिदिन पचास नवजात शिशुओं की जन्म के पहले महीने में (जन्म के 28 दिनों के अंदर) ही मौत हो जाती है. साल भर में 19000 नवजात शिशु मरते हैं. हालांकि पिछले एक दशक के मुकाबले शिशुओं की मौत में कमी आयी है. वर्ष 2000 में साल भर में 31,000 नवजात शिशु की मौत होती थी. नवजात...

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छोटे राज्यों के बड़े प्रश्न- रोहित जोशी

जनसत्ता 25 फरवरी, 2014 : भारत में राज्यों के पुनर्गठन का प्रश्न नया नहीं है। यह लगातार यक्ष प्रश्न बना रहा है कि आखिर इतने विविधतापूर्ण देश में राज्यों के पुनर्गठन का एक सर्व-स्वीकार्य और जायज तार्किक आधार क्या हो? साथ ही पृथक तेलंगाना का यह विवाद भी नया नहीं है और जितना हो-हल्ला इस मसले पर हमने पिछले दिनों में देखा उसकी एक लंबी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है। 1956 में संसद...

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मनरेगा श्रमिकों को एक अप्रैल से प्रतिदिन 157 रुपये मजदूरी

भोपाल : महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में मध्यप्रदेश में रोजगार कार्डधारी श्रमिकों को एक अप्रैल से न्यूनतम मजदूरी प्रतिदिन 157 रुपये की दर से मिलेगी. पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने निर्देश दिए हैं कि मनरेगा श्रमिकों को एक अप्रैल से बढ़ी हुई दरों पर मजदूरी भुगतान के बारे में सूचना व्यापकता से पहुंचाई जाए. फिलहाल इस योजना में न्यूनतम मजदूरी दर 146 रुपये प्रतिदिन...

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युवा बेरोजगारी भारत के लिए संकट- रविदत्त वाजपेयी

यह एक सुखद आश्चर्य है कि शताब्दियों का इतिहास संजोये रखने के बाद, आज भी भारत को एक युवा देश माना जाता है. सबसे विस्मयकारी तथ्य यह है कि इस सौभाग्य का श्रेय भारत की उस प्रचुर जनसंख्या को दिया जाता है जिसके विशाल आकार को लंबे समय से भारत की सबसे बड़ी समस्या बताया गया था. आखिरकार भारत की इतनी बड़ी आबादी जनसंख्या आपदा से जनसंख्या संपदा में कैसे...

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