रांची: राजधानी के आसपास के इलाके में एक के बाद एक चार किसानों ने आत्महत्या कर ली. चारों आत्महत्या की घटना 10 जून से 19 जुलाई के बीच की है. किसान की मौत की वजह के बारे में पुलिस स्पष्ट रूप से पता नहीं लगा पा रही है. पुलिस सिर्फ अस्वाभाविक मौत का केस दर्ज कर मामले को छोड़ दे रही है. अगर आत्महत्या की वजह के बारे...
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बेदम इकाई का निजीकरण ही भला - डॉ. भरत झुनझुनवाला
आखिरकार सरकार ने एअर इंडिया के निजीकरण का निर्णय ले ही लिया। सार्वजनिक इकाइयों के निजीकरण के विरुद्ध पहला तर्क मुनाफाखोरी का दिया जा रहा है। जैसे ब्रिटिश रेल की लाइनों की कंपनियों का निजीकरण कर दिया गया। पाया गया कि रेल सेवा की गुणवत्ता में कमी आई। रेलगाड़ियों ने समय पर चलना बंद कर दिया। सुरक्षा पर खर्च में कटौती हुई, परंतु रेल का किराया नहीं घटा। दक्षिण अमेरिका...
More »गोरखालैंड की सियासत-- रशीद किदवई
दार्जीलिंग की सड़कों पर अंगरेजी और नेपाली में लगाये जा रहे हैं- 'वी वांट गोरखालैंड. गोरखालैंड-गोरखालैंड. गोरखालैंड चाहिन छ. चाहिन छ-चाहिन छ. हामरौ मांग गोरखालैंड.' इन्हीं नारों के बीच पश्चिम बंगाल इन दिनों गोरखालैंड की आग में जल रहा है. दरअसल, इस हिंसा और आगजनी के पीछे भाषाई राज्य की कल्पना है जिसने एक आंदोलन का रूप ले लिया है. पिछले सौ वर्षों से जारी गोरखालैंड की मांग को खुद...
More »कहीं कटाव तो कहीं निगलने को बेताब हैं नदियां, घाघरा में समाई सैकड़ों एकड़ जमीन
सिताबदियारा, सारण. जिले में नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। जलस्तर बढ़ाने के साथ ही लोगों को यह भय सताने लगता है कि नदियां कहीं तटबंधों को तोड़ कर उनके आशियाने को न तबाह कर दें। हालांकि हर साल सरकार और जिला प्रशासन इस बात का ढिंढोरा जरूर पिटता है कि तैयार पूरी हो गई है। इस बार कहीं से किसी भी तटबंध पर कोई खतरा नहीं है। लेकिन...
More »शब्दों के खेल में उलझी गंगा-- दुनू रॉय
नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने अपने एक आदेश में कहा है कि गंगा नदी के सौ मीटर के दायरे में कोई निर्माण कार्य नहीं होना चाहिए. एनजीटी ने अपने आदेश में उत्तराखंड के हरिद्वार से लेकर उत्तर प्रदेश के उन्नाव के बीच गंगा नदी के किनारे से सौ मीटर तक के तटीय क्षेत्र को ‘नो डेवलपमेंट जोन' भी घोषित किया है. साथ ही यह भी कहा है कि गंगा के...
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