जयपुर। वेदांता समूह ने वर्ष 2011 में देश में सामाजिक विकास की परियोजनाओं के लिए करीब 500 करो़ड रूपये का बजट निर्धारित किया है। समूह ने राजस्थान, छत्तीसगढ़ और उ़डीसा के ग्रामीण इलाकों के 1,20,000 से ज्यादा गरीब बच्चाों को पोषण आहार उपलब्ध कराने के लिए 3,000 आंगनव़ाडी केंद्रों को गोद लिया है। वेदांता रिसोर्सेज के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कहा, ""समूह अपनी वेदांता आंगनव़ाडी योजना, मध्यान्ह भोजन और कम्प्यूटर शिक्षा...
More »SEARCH RESULT
विश्व के 35 फीसदी निरक्षर भारत में
नयी दिल्लीः 8सितंबर को विश्व साक्षरता दिवस के पहले जारी एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि शिक्षा का अधिकार, सर्वशिक्षा अभियान आदि जैसी कई पहलों और प्रगति के बावजूद भारत में विश्व की 35 फीसदी निरक्षर आबादी भारतीयों की है और उसकी 68 प्रतिशत साक्षरता दर वैश्विक साक्षरता दर 84 प्रतिशत से काफी पीछे है. इस साक्षरता दर में महिला पुरूष भेदभाव गहरा है जहां पुरूष वयस्क साक्षरता दर 76.9...
More »गांव का हक मार रहा शहर
लखनऊ [अजय श्रीवास्तव]। शहर के अंग्रेजी स्कूल का पढ़ा बच्चा और गांव के साधनहीन विद्यालयों के पढ़े बच्चे यदि एक ही साथ परीक्षा में बैठें तो पास होने की अधिक सम्भावना किसकी है?..और अगर परीक्षा में 75 प्रतिशत सीटें ग्रामीण पृष्ठभूमि के बच्चों के लिए हों लेकिन इस पर भी शहरी बच्चे जालसाजी से बैठें तो?. साफ है कि गांव का हक मारा जाएगा। ग्रामीण बच्चों के लिए खुले नवोदय...
More »दो शिष्य गुरु चार, सरकारी महिमा अपरंपार
पौड़ी गढ़वाल [विनोद पोखरियाल]। एक स्कूल, चार शिक्षक, दो छात्र और खर्च साढ़े दस लाख रुपये सालाना। ये है उत्तराखंड केएक स्कूल की तस्वीर। यह कोई पब्लिक स्कूल नहीं, पौड़ी जिले के कोट ब्लाक स्थित एक गाव का सरकारी जूनियर हाईस्कूल है। यहा सरकार चार शिक्षकों के वेतन पर प्रतिमाह 88 हजार रुपये खर्च कर रही है। यह स्थिति एक-दो नहीं पूरे चार साल से है। यदि इन दोनों बच्चों को...
More »मणिपुर के बच्चे कहाँ जाएं
मणिपुर में उग्रवाद और उग्रवाद के विरोध में जारी हिसंक गतिविधियों के चलते बीते कई दशकों से बच्चे हिंसा की कीमत चुके रहे हैं. यह सीधे तौर से गोलियों और अप्रत्यक्ष तौर से गरीबी, अशिक्षा, कुपोषण की तरफ धकेले जा रहे हैं. राज्य में स्थितियां तनावपूर्ण होते हुए भी कई बार नियंत्रण में तो बन जाती हैं, मगर स्कूल और स्वास्थ्य सेवाओं जैसे बुनियादी ढ़ांचे कुछ इस तरह से चरमराए हैं...
More »